ग्वालियर: 51.30 करोड़ की लागत से निर्मित होने वाले शासकीय पटेल सीएम राईज स्कूल का भूमिपूजन केन्द्रीय मंत्री  सिंधिया के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। बिरलानगर के लाईन नं.-1 में आयोजित भूमिपूजन समारोह की अध्यक्षता प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने की। विशेष अतिथि के रूप में क्षेत्रीय सांसद  विवेक नारायण शेजवलकर, भाजपा जिला अध्यक्ष अभय चौधरी, पूर्व जिला अध्यक्ष  वेदप्रकाश शर्मा सहित क्षेत्रीय पार्षद श्रीमती मीना मानसिंह राजपूत और जनप्रतिनिधि व बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक और विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। लेकिन इस पूरे कार्यक्रम में गड़बड़ क्या हुई वह अब आप आगे पढ़िए ।

अब हम आपको बताते हैं वह खबर जो किसी ने नहीं बताई। सीएम राइज का भूमि पूजन मंच राजनीति का अखाड़ा बन गया । चाहे बात केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की करें या प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर की दोनों ही सरकार की उपलब्धियों को गिनाने के साथ साथ काँग्रेस को कोसते नजर आए।  स्कूल के मासूम छात्रों के सामने राजनीतिक छीटाकशी की क्या जरूरत इन माननीय को आ पड़ी य़ह समझ से परे है।

य़ह मासूम अभी क्या जाने राजनीति। स्कूली शिक्षा विभाग का य़ह कार्यक्रम राजनीतिक मंच अधिक नजर आ रहा था। हद तो तब हो गयी जब इसी मंच से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने काँग्रेस नेताओं को भाजपा की सदस्यता दिलाना शुरू कर दिया।

मंच पूरी तरह भाजपा के रंग में सराबोर नजर आया। एक तरफ सिंधिया और तोमर खड़े होकर इन दल बदलू नेताओं को भाजपा का पट्टा  गले में डाल रहे थे तो दूसरी ओर मंच पर आसीन भाजपा के जनप्रतिनिधि ताली पीट रहे थे। मंच से इंटक नेता इंद्रजाल जोनवार, अकबर खान, संतोष माझी, रामकुमार प्रजापति, एमपी सिंह राठौर सहित कई लोगों ने गले में  भाजपा का पट्टा डाल भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।  

इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि बिरलानगर क्षेत्र में पटेल स्कूल सीएम राईज का जो आधुनिक भवन बन रहा है उसमें केवल आधुनिक कक्षाएँ ही नहीं बल्कि छात्रों के लिये लेबोरेटरी, कम्प्यूटर, संगीत, खेल के साथ-साथ अन्य वह सभी सुविधायें उपलब्ध होंगीं जो निजी क्षेत्र में एक आधुनिक स्कूल के बच्चों को प्राप्त होती हैं।

प्रथम चरण में मध्यप्रदेश 320 सीएम राईज स्कूलों का निर्माण करोड़ों रूपए की लागत से कर रहा है। अगले चरण में इसे 900 सीएम राईज स्कूलों तक ले जाया जायेगा।

  हम कहना चाहते हैं कि यदि शिक्षा को राजनीति से दूर रखा जाए तो निश्चित ही य़ह सब हो पाएगा जो आपने मंच से बोला है। और हाँ मासूम छात्रों के सामने शिक्षा की ही बात हो तो य़ह देशहित में होगा।