ग्वालियर । कलेक्टर राहुल जैन ने महिला-बाल विकास के मैदानी अमलों और अधिकारियों को आगाह किया कि आंकड़ों की बाजीगरी से बचें। क्योंकि भविष्य में यह आंकड़े उन्हीं के लिये घातक सिद्ध हो सकते हैं। उन्होंने वास्तविक रिपोर्ट प्रस्तुत करने और कमियों को दूर करने की सलाह भी विभागीय समीक्षा बैठक में दी। बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी राजीव राय सहित सभी परियोजना अधिकारी, सुपरवाइजर उपस्थित थे।
कलेक्टर राहुल जैन ने कहा कि महिला बाल विकास का कार्य बहुत संवेदनशील कार्य है। उनके द्वारा शून्य से 6 वर्ष तक के बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास की जिम्मेदारी उठाई जाती है। विभाग के किसी भी गलत आंकड़ेबाजी का परिणाम शासन की अन्य योजनाओं व कार्यक्रमों पर भी पड़ता है। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा समन्वय स्थापित कर कार्य किया जाना चाहिए। जैन ने कुपोषण का सामना करने के लिये सामाजिक सहभागिता बढ़ाने की सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि अटल बाल पालक मिशन प्रारंभ किया गया है। उसमें और अधिक लोगों को जोड़ा जाए। जैन ने महिला बाल विकास विभाग के मॉनीटरिंग सिस्टम को सुदृढ़ बनाने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों को थ्री मील के कॉन्सेप्ट को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। जैन ने कहा कि आधार पंजीयन के लिये सुपरवाइजर को विभाग द्वारा टैबलेट प्रदान किए गए हैं, उनका उपयोग प्रभावी ढंग से सुनिश्चित किया जाए। राशन दुकानों से स्व-सहायता समूहों को प्रदान किए जाने वाले पोषण आहार की प्रक्रिया को भी सुदृढ़ बनाने के निर्देश कलेक्टर ने दिए।
थर्ड पार्टी वेल्यूएशन करायें
कलेक्टर राहुल जैन ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से प्रदान की जाने वाली सेवाओं और रखे जाने वाले रिकॉर्ड का विधिवत संचालन और संधारण किया जा रहा है या नहीं। इसके लिये थर्ड पार्टी वेल्यूएशन का कार्य कराया जाए। इस कार्य के लिये जन अभियान परिषद, नर्सिंग छात्र-छात्राओं, एमआईटीएस जैसे इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों का सहयोग प्राप्त किया जा सकता है।