भोपाल: भाजपा के मिशन 2023 के लिए विधानसभा सम्मेलनों की जिम्मेदारी मिलने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने प्रदेश भर का दौरा शुरू कर दिया है. गुरुवार को विदिशा के सिरोंज पहुंचे भाजपा के विजयवर्गीय ने एक अजीब बयान दिया. उन्होंने कहा- ‘व्यापमं कांड के आरोपी रहे पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत निर्दोष थे. फिर भी उन्हें जेल जाना पड़ा था. ये पीड़ा मेरे मन मे रहेगी.’
भाजपा के वरिष्ठ नेता विजयवर्गीय के इस बयान से कई सवाल खड़े हो रहे हैं. सियासी गलियारे में इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा व्यापमं कांड के झूठे आरोपी बनाये गए थे? इस बयान के साथ एक बार फिर शिवराज सरकार कि व्यापम मामले में शुरुआती जांच पर सवाल उठ रहे हैं.
विजयवर्गीय ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘निर्दोष व्यक्ति को जेल जाना पड़ता है. ये हाथों की लकीरों में होता है. लक्ष्मीकांत शर्मा ने जो कुछ झेला उसकी पीड़ा मेरे मन में हमेशा रहेगी. लक्ष्मीकांत का जिक्र होता है तो मन भर आता है. एक निर्दोष व्यक्ति पर आरोप लगे. लक्ष्मीकांत सब कर सकते हैं. इस तरह का भ्रष्टाचार नहीं कर सकते.
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि लक्ष्मीकांत जब जेल में थे तब में उनसे मंत्री रहते जेल में मिलने गया तो गले लगकर रोने लगे और बोले मैंने जो अपराध नहीं किया वो सजा भुगत रहा हूं. कैलाश विजयवर्गीय के इस बयान के बाद यह सवाल खड़े होने लगे हैं. क्या लक्ष्मीकांत शर्मा मोहरा थे? क्या जानबूझकर उनके बढ़ते कद के चलते उनका करियर खत्म किया गया?
व्यापमं कांड 2013 में सामने आया था. बड़े पैमाने पर मेडिकल प्रवेश फर्जीवाड़ा और सरकारी भर्ती फर्जीवाड़ा हुआ था . व्यापमं कांड की जांच करते हुए STF ने तत्कालीन मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को आरोपी बनाया था. लक्ष्मीकांत शर्मा सिरोंज से विधायक थे. व्यापमं जांच के दौरान उन्हें जेल जाना पड़ा. बाद में 2021 में शर्मा का 60 साल की उम्र में में भोपाल के चिरायु अस्पताल में निधन हो गया था, जहां उनका कोरोना का इलाज चल रहा था.