भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का फोकस इस बार उन विधानसभा सीटों पर है जिसे वो बीते 3 चुनावों से नहीं जीत पाई है। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने इस बार इन सीटों की जिम्मेदारी पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को सौंपी है। दिग्विजय सिंह लगातार इन सीटों का दौरा कर कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। करीब 66 ऐसी विधानसभा सीटें हैं, जिनमें कांग्रेस को बीते तीन चुनावों से जीत नहीं मिली है। आइए जानते हैं पांच ऐसे बीजेपी नेताओं के बारे में जिन्हें कांग्रेस कभी मात नहीं दे पाई है। इन नेताओं को हराने के लिए कांग्रेस ने कई रणनीतियां बनाई लेकिन सफलता नहीं मिल पाई।
गोपाल भार्गव
गोपाल भार्गव रेहली विधानसभा सीट से विधायक हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में वो लगातार 8वीं बार जीत कर विधानसभा पहुंचे हैं। शिवराज सरकार में लोक निर्माण विभाग के मंत्री भी हैं। रेहली विधानसभा सीट को जीतने के लिए कांग्रेस ने कई तरह की योजना बनाई लेकिन वो सफल नहीं हो सके। गोपाल भार्गव इस समय 72 साल के हैं। इस बार चुनाव लड़ेंगे या नहीं ये पार्टी को तय करना है। हालांकि वो अभी तीन और विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं।
यशोधरा राजे सिंधिया
केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की छोटी बुआ भी सक्रिय राजनीति में हैं। वो एमपी की शिवपुरी विधानसभा सीट से विधायक हैं। यशोधरा राजे सिंधिया वर्तमान में शिवपुरी विधानसभा सीट से विधायक हैं। वो 5 बार एमएलए और 2 बार सांसद रह चुकी हैं। यशोधरा राजे सिंधिया अभी तक कभी भी अपना चुनाव नहीं हारी हैं। वह तीन बार मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री बनीं। मौजूदा शिवराज सरकार में भी वो मंत्री हैं।
कैलाश विजयवर्गीय
कैलाश विजयवर्गीय मध्यप्रदेश बीजेपी के कद्दावर नेता हैं। मौजूदा समय में वो बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री हैं। कैलाश विजयवर्गीय उन नेताओं में से हैं जो कभी भी विधानसभा चुनाव नहीं हारे। कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर जिले की अलग-अलग विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ा और हर बार जीत दर्ज की। कैलाश विजयवर्गीय लगातार 6 बार विधानसभा चुनाव जीते। मौजूदा समय में इंदौर-2 से उनके बेटे आकाश विजयवर्गीय विधायक हैं।
राजेन्द्र शुक्ल
मध्यप्रदेश के विंध्य क्षेत्र का सबसे बड़ा चेहरा माने जाने वाले राजेन्द्र शुक्ल अभी तक विधानसभा चुनाव नहीं हारे हैं। 2003 में पहली बार रीवा विधानसभा सीट से विधायक बने राजेद्र शुक्ल लगातार अपना चुनाव जीत रहे हैं। राजेन्द्र शुक्ल, शिवराज कैबिनेट में मंत्री भी रह चुके हैं। इस बार इस सीट को जीतने के लिए कांग्रेस ने खास योजना तैयार की है।
रमेश मेंदोला
रमेश मेंदोला इंदौर बीजेपी के सीनियर नेता हैं। रमेश मेंदोला को कैलाश विजयवर्गीय का करीबी नेता माना जाता है। रमेश मेंदोला अभी तक तीन विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन वो कभी विधानसभा चुनाव नहीं हारे। रमेश मेंदोला सियासी संगठन के भी माहिर खिलाड़ी हैं।