छिंदवाड़ा । बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री इन दिनों पूरे देश में सुर्खियां बंटोर रहे हैं। मध्य प्रदेश में उनके फॉलोअर्स की संख्या सबसे ज्यादा है। अगस्त के पहले हफ्ते में वो राज्य के पूर्व सीएम कमलनाथ के गढ़ में कार्यक्रम करने जा रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार, वहां कांग्रेस पार्टी 5 से 7 अगस्त तक छिंदवाड़ा जिले के सिमरिया गांव में बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री की मेजबानी करने की तैयारी कर रही है। इस कार्यक्रम में वह और उनके बेटे नकुल नाथ भी शामिल होंगे।

पिछले कुछ महीनों में धीरेंद्र शास्त्री की लोकप्रियता बढ़ी
‘बागेश्वर बाबा’ के नाम से मशहूर 27 वर्षीय शास्त्री के उपदेश अकसर विवादास्पद बयानों से भरे रहते हैं। वह नियमित रूप से हिंदू राष्ट्र की स्थापना की मांग करते हैं और छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम में ‘घर वापसी’ कार्यक्रम आयोजित करते हैं। पिछले कुछ महीनों में उनका राजनीतिक दबदबा बढ़ गया है क्योंकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और कमलनाथ जैसे वरिष्ठ नेताओं ने उनसे मुलाकात की। धीरेंद्र शास्त्री की लोकप्रियता सोशल मीडिया से बढ़ी है और मध्य मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में बड़ी संख्या में उनके अनुयायी हैं।

बुंदेलखंड की 26 विधानसभा सीटों पर नजर
बुंदेलखंड में 26 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 2013 में भाजपा ने 20 और कांग्रेस ने छह सीटें जीती थीं। पिछली बार कांग्रेस ने अपनी सीटों की संख्या में वृद्धि करते हुए 10 कर लिया था, जबकि भाजपा की सीटों की संख्या घटकर 14 हो गई थी। इसी को देखते हुए दोनों दल कांग्रेस और बीजेपी धीरेंद्र शास्त्री को इतना महत्त्व दे रहे हैं।

मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने खुद पर ‘हिंदू विरोधी पार्टी’ होने के आरोपों से बचाने के लिए सॉफ्ट हिंदुत्व कार्ड खेलने से परहेज नहीं किया है। पिछले कुछ वर्षों में कमलनाथ ने खुद को हनुमान भक्त के रूप में दर्शाने लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए हैं। इसमें छिंदवाड़ा में एक विशाल हनुमान मूर्ति स्थापित करना भी शामिल है। इसके अलावा पिछले महीने ही कांग्रेस में बजरंग सेना नामक एक हिंदुत्व संगठन ने विलय किया है।

कांग्रेस नेता देख रहे पूरा कार्यक्रम
कांग्रेस धर्म एवं उत्सव प्रकोष्ठ के जिला प्रभारी आनंद बख्शी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “कार्यक्रम में दो लाख से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। कथा 15 एकड़ भूमि पर होगी जिसमें छह एकड़ में वाटरप्रूफ गुंबद होगा। दिव्यांग व्यक्तियों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है, जिसमें उनके रहने और भोजन की व्यवस्था भी शामिल है। जिन किसानों के खेतों का उपयोग इस आयोजन के लिए किया जाएगा, उन्हें मुआवजा दिया जाएगा। हमें उम्मीद है कि कुछ मशहूर हस्तियां भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगी। यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है। हम बीजेपी नेताओं को भी इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं।”

बता दें कि कई महीनों से आनंद बख्शी 1,200 वालंटियर्स की एक टीम की देखरेख कर रहे हैं, जो कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए काम कर रही है। कांग्रेस ने कहा है कि कई महिलाएं, जो 4 अगस्त को कलश यात्रा में भाग लेंगी, वह भी इस कार्यक्रम के लिए चावल के पैकेट के साथ निमंत्रण देने के लिए जिले भर में यात्रा कर रही हैं। इसके अलावा छात्रों को रामायण पर आयोजित परीक्षा में बैठने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

आनंद बख्शी ने कहा, “हमें 13,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। वे बाल कांड और सुंदर कांड की लिखित परीक्षा देंगे। हमने परीक्षाओं के लिए 100-150 से अधिक परीक्षा केंद्रों की पहचान की है। पहले 110 छात्रों को पुरस्कार दिए जाएंगे और शीर्ष तीन छात्रों को व्यक्तिगत रूप से कमल नाथ, नकुल नाथ और धीरेंद्र शास्त्री द्वारा पुरस्कार दिए जायेगा।”

बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए बीजेपी प्रवक्ता डॉ. हितेश बाजपेयी ने कहा, “हर कोई जानता है कि कांग्रेस चुनावी हिंदू है। यही कारण है कि चुनाव आते ही वे हमेशा साधुओं, संन्यासियों और कथावाचकों का स्वागत करते हैं। उनकी रैलियां फ्लॉप शो हैं, वे हिंदू धर्म गुरुओं पर सवार होना चाहते हैं। लोग यह अच्छी तरह से जानते हैं। लोग आएंगे और धीरेंद्र शास्त्री को सुनेंगे और हिंदू राष्ट्र के लिए वोट करेंगे। कमल नाथ वोटों का सपना देख रहे हैं। वह बीजेपी की मदद करेंगे।”

वहीं कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष जेपी धनोपिया ने इस बात से इनकार किया कि यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम है। उन्होंने कहा, “भाजपा बेबुनियाद आरोप लगाती रहती है। कमल नाथ एक कट्टर हिंदू और हनुमान भक्त हैं। वह पूरे राज्य में धार्मिक कार्यक्रमों की मेजबानी करते रहे हैं। धर्म व्यक्तिगत आस्था का सवाल है और कांग्रेस धर्म के प्रति वफादार है। भाजपा राजनीतिक लाभ के लिए इसका इस्तेमाल करती है।”

धार्मिक और उत्सव प्रकोष्ठ विंग की प्रमुख ऋचा गोस्वामी ने अतीत में हिंदुत्व और हिंदू धर्म की अवधारणाओं को अलग करने की बात की है। धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “यह कार्यक्रम लोगों की धारणा को बदलने में मदद करेगा कि धीरेंद्र शास्त्री भाजपा के एजेंडे के बारे में बात करते हैं। इससे उनकी छवि साफ हो जाएगी। लेकिन मेरा मानना ​​है कि जब एक कथावाचक बोलता है तो उसे केवल अपने प्रवचन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और अन्य विषयों में नहीं भटकना चाहिए। हाल ही में कुछ ऐसे बयान दिए गए हैं जिन्हें अशोभनीय या सभ्य माना जा सकता है। इसके अलावा अगर वह हिंदू राष्ट्र के बारे में बात करते हैं तो उन्हें अपने अलग कार्यक्रम में ऐसा करना चाहिए और स्पष्ट करना चाहिए कि वह उन बिंदुओं के बारे में बात कर रहे हैं।”