इंदौर। भोपाल में मध्य प्रदेश के नेताओं की लगाम कसने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री और विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ की कमान संभालने वाले अमित शाह रविवार यानी 30 जुलाई को बूथ कार्यकर्ताओं से रूबरू होंगे। उनका मकसद कार्यकर्ताओं को संदेश देना है कि हम सिर्फ नेताओं के भरोसे नहीं हैं। चुनाव जिताने की असली ताकत कार्यकर्ता होते हैं। मध्यप्रदेश में मैदानी कार्यकर्ताओं का प्रदेश के बड़े नेताओं से नाराज होने का फीडबैक लगातार केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंच रहा है। इसी के बाद दिल्ली के नेताओं की प्रदेश में सक्रियता बढ़ी है।

रविवार को ही इंदौर (Indore) में कांग्रेस का भी बड़ा आयोजन है। इसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और मध्यप्रदेश में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा कमलनाथ आदिवासी महापंचायत के माध्यम से आदिवासी युवाओं से सीधा संवाद करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कन्हैया कुमार भी कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। कमलनाथ महिला कांग्रेस के आयोजन में भी शामिल होंगे। विधायक संजय शुक्ला के रुद्राभिषेक आयोजन में भी अनुष्ठान करेंगे।

हर बार की तरह इस बार भी मध्य प्रदेश की सत्ता का फैसला मालवा-निमाड़ से ही होना है। यही कारण है कि यहां की 66 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस की नजर है। दोनों पार्टियां यहां चुनावी बाजी को अपने पक्ष में करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। पहले तय हुआ था कि शाह 30 जुलाई को उज्जैन में महाकाल दर्शन के बाद पार्टी के बड़े आयोजन में शामिल होंगे। बुधवार को भोपाल में मध्यप्रदेश के वरिष्ठ भाजपा नेताओं से चर्चा के बाद कार्यक्रम में बदलाव हुआ। यह तय हुआ कि उज्जैन के बजाय इंदौर में कार्यक्रम रखा जाए। यहां पर शाह बूथ कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन करेंगे। गुरुवार सुबह भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने औपचारिक तौर पर इसकी जानकारी की। बाद में वे जावरा कंपाउंड स्थित भाजपा कार्यालय में पार्टी के नेताओं के साथ बैठे और इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की।

बूथ कार्यकर्ताओं का आयोजन इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक दो यानी कैलाश विजयवर्गीय के प्रभाव वाले क्षेत्र के कनकेश्वरी गरबा ग्राउंड पर होगा। इसकी कमान खुद विजयवर्गीय ने संभाल ली है। विजयवर्गीय इसी विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रहे हैं। अभी इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व उनके समर्थक रमेश मेंदोला करते हैं। संभावना यह है कि विधानसभा चुनाव में यहां से कैलाश के बेटे आकाश विजयवर्गीय को टिकट मिले, जो फिलहाल इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक तीन से विधायक हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में इंदौर-उज्जैन संभाग की आदिवासी सीटों पर भाजपा का प्रदर्शन फीका रहा था। कांग्रेस को अपेक्षा से अधिक सफलता मिली थी। भाजपा ने मालवा-निमाड़ की कमान कैलाश विजयवर्गीय को सौंपी है, जिनका पूरे क्षेत्र में अच्छा दखल है।

कमलनाथ भी रविवार को ही इसी विधानसभा क्षेत्र के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आदिवासी महापंचायत में शामिल होंगे। कांग्रेस का लक्ष्य इस पंचायत के लिए पांच हजार से ज्यादा युवाओं को एकत्र करने का है। कमलनाथ उनसे सीधा संवाद करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पैनल में शामिल कन्हैया कुमार भी आदिवासी युवाओं से रूबरू होंगे। कांग्रेस ने यह आयोजन मालवा-निमाड़ की आदिवासी सीटों को फोकस करते हुए रखा है। इसमें इंदौर-उज्जैन संभाग के हर विधानसभा क्षेत्र से आदिवासी युवा शामिल होंगे।

कांग्रेस ने मालवा-निमाड़ का समीकरण साधने के लिए अलग-अलग क्षेत्रवार जिम्मेदारी तय की है। खुद कमलनाथ यहां बढ़त हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंके हैं। प्रदेश कांग्रेस के दो पूर्व अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया और अरुण यादव के साथ ही सज्जनसिंह वर्मा, डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ जैसे पार्टी के दिग्गज भी यहां सक्रिय हैं। भूरिया और उनके बेटे प्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया आदिवासी सीटों पर मेहनत कर रहे हैं, तो यादव का निमाड़ पर फोकस है। दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह इंदौर और उज्जैन के समीकरण को साधने में लगे हैं। विधानसभा चुनाव तक कन्हैया कुमार भी मालवा-निमाड़ की आदिवासी सीटों पर सक्रिय रहेंगे।