- समरसता यात्रा शांति, स्नेह, प्रेम, सद्भाव और आत्मीयता का
- प्रकटीकरण करते हुये 53 हजार गांव से एक मुठ्ठी मिट्टी तथा 315 नदियों का जल लेकर पहुंचेगी
- सागर में 102 करोड़ रूपये के लागत से भव्य मंदिर का होगा निर्माण
- संत रविदास सामाजिक समरसता और एकता के प्रतीक हैं- मुख्यमंत्री
- संत शिरोमणि रविदास जी के संदेशों को जन जन तक पहुंचाएगी समरसता रथ यात्रा- मुख्यमंत्री
सिंगरौली । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि संत शिरोमणि श्री रविदास जी सामाजिक सद्भाव समरसता तथा समानता के मुखरवाणी थे। उन्होने अपने जीवन में जात-पात, छुआछूत तथा कुप्रथाओं का जमकर विरोध किया तथा अपने विचार और वाणी से मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया। उनकी शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए सागर में 102 करोड़ रूपये के लागत से भव्य मंदिर का निर्माण किया जायेगा। इस पुण्य कार्य में जन सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश के पॉच स्थानों से समरसता यात्रा निकाली जा रही है। जो प्रदेश के सभी जिलों में संत शिरोमणि श्री रविदास जी की शिक्षाओं के माध्यम से जन जागरण करते हुये 12 अगस्त को सागर पहुंचेगी जहां प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी मंदिर निर्माण का शिलान्यास करेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उक्त बातें सिंगरौली जिले के बैढ़न के रामलीला मैदान से संत शिरोमणि रविदास मंदिर निर्माण के समरसता यात्रा के शुभारंभ के अवसर पर कही।
इसके पूर्व मुख्यमंत्री ने संत रविदास जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया तथा समरसता यात्रा में सम्मिलित संतों श्री भैयालाल भगत, श्री रमाशंकर दास, श्री कन्हैया लाल, सेवादार श्री रमाकांत दास, श्री रामसजीवन दास तथा प्रेमदास जी का अंग वस्त्र, शाल तथा श्रीफल से सम्मान किया। इस अवसर पर संत श्री रविदास जी की जन्म स्थली काशी से आये संतों ने मुख्यमंत्री को उनके जन्मस्थली की पवित्र मिट्टी तथा गंगाजल भेंट किये। मुख्यमंत्री ने उसे माथे पर लगाते हुये आभार व्यक्त किया। साथ ही सांसद श्रीमती रीती पाठक ने जिले के पवित्र नदियां का जल मुख्यमंत्री को भेंट किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास जी की समरसता यात्रा शांति, स्नेह, प्रेम, सद्भाव और आत्मीयता का प्रकटीकरण करते हुये 53 हजार गांव से एक मुठ्ठी मिट्टी तथा 315 नदियों का जल लेकर 12 अगस्त को सागर पहुंचेगी। समरसता यात्रा के साथ संत शिरोमणि के व्यक्तिव्य और कृतित्व पर केन्द्रित रथ भी चलेगा। जिसमें संत शिरोमणि का चित्र,उनकी चरण पादुका तथा कलश रहेगा। यह उनके सामाजिक समरसता के मंत्रों से लोगों को जागरूक करेगा। उन्होंने सभी से अपील की है कि समरसता यात्रा का स्वागत करें, श्री रविदास जी के जीवन से प्रेरणा लें तथा चरण पादुका का पूजन करते हुये यात्रा में शमिल हों।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ये हमारे लिए हर्ष एवं गर्व का विषय है कि संत रविदास जी के जयंती अवसर पर 8 फरवरी 2023 को सागर में जो प्रदेश सरकार ने संकल्प लिया था उसे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 12 अगस्त को मंदिर निर्माण का शिलान्यास कर पूरा करेंगे। सागर में 102 करोड़ की लागत से संत रविदास जी का नागर शैली में भव्य मंदिर बनेगा जिसमें उनके दोहे और शिक्षाऐं उकेरी जायेंगी। संत रविदास जी के व्यक्तित्व एवं उनके कार्यों का उल्लेख किया जायेगा। स्मारक की पहली गैलरी में उनके महान जीवन को दर्शाने का काम होगा। दूसरी गैलरी में इंटरप्रेटेशन म्यूजियम बनायेगे जिसमें उनके भक्तिमार्ग और निर्गुण कथा में जो योगदान है उसे दिखायेंगे। तीसरी गैलरी में उनके दर्शन का और विभिन्न मतां पर प्रभाव और रविदासिया पंथ के बारे में बताया जायेगा। चौथी गैलरी उनके काव्य साहित्य और समकालीन विचारों में समर्पित होगी। इसके साथ ही लायब्रेरी, संगत हाल, स्मारक के समीप जलकुण्ड का प्रतीक स्वरूप निर्माण किया जायेगा। भक्त निवास बनेगा और भोजन की व्यवस्था भी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार तथा प्रदेश सरकार संत रविदास जी ने जो रास्ता दिखाया है उसी मार्ग पर चलते हुये जन कल्याण एवं जन सेवा का कार्य कर रही हैं। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से सरकार सबका साथ सबका विकास तथा सबके विश्वास के मंत्र के साथ चल रही है। कोई भी भूखा नहीं रहे इसलिए सरकार गरीबों को निःशुल्क राशन वितरण का कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना से सभी को पक्के आवास तथा आयुष्मान भारत योजना से निःशुल्क ईलाज की व्यवस्था की गई है। प्रदेश के शहरो में मजदूरी करने आने वाले भाई बहनों को 5 रूपये में भरपेट भोजन कराया जायेगा। प्रदेश के किसी शहर में छोटे दुकानदारां से बैठकी नहीं ली जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास जी कहते थे कि सभी प्राणी प्रसन्न रहे इसलिए प्रदेश सरकार ने बहनों की खुशियां के लिए मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना शुरू की है। इस योजना के माध्यम से बहनों की छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रत्येक माह की 10 तारीख को एक हजार रूपये की राशि उनके खातों में उपलब्ध कराई जा रही है। उस राशि को क्रमबद्ध तरीके से 250-250 रूपये बढ़ाकर 3000 रूपये तक ले जाया जायेगा। ये हमारी बहनों का अधिकार है जिससे उनके जीवन में सम्मान तथा मुस्कान लौटी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा पर सभी का समान अधिकार है इसलिए प्रदेश सरकार सभी विद्यार्थियां को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकों की उपलब्धता सुनिश्चित कर रही है। 8 वीं तक के छात्रों को निःशुल्क ड्र्रेस, 12वीं उत्तीर्ण मेधावी छात्रों को लेपटाप के लिए 25 हजार रूपये की राशि उपलब्ध कराई जा रही है। 6 वीं तथा 9 वीं कक्षा में प्रवेश लेने वाले ऐसे विद्यार्थी जो दूसरे गांव में पढ़ने के लिए जा रहे हैं उन्हें सायकल क्रय करने के लिए 4500 रूपये दिये जायेंगे। कक्षा 12 वी में विद्यालय में प्रथम आने वाले एक छात्र एवं छात्रा को स्कूटर एवं स्कूटी दिलाई जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि धन के अभाव में कोई भी बच्चा उच्च शिक्षा से वंचित नहीं रहेगा। मेडिकल, इंजिनियरिंग तथा अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश लेने वाले गरीब एवं वंचित वर्ग के बच्चों की फीस उनका मामा शिवराज सिंह चौहान भरेगा। 12 वीं एवं आईटीआई उत्तीर्ण बच्चों को काम सीखने के लिए मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना से 8 हजार रूपये का स्टायफंड दिया जायेगा। उन्होने कहा कि अभी प्रदेश में एक लाख शासकीय पदों पर भर्ती जारी है उसके बाद 50 हजार और पदों पर भी भर्ती की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए केवल 286 करोड़ रूपये खर्च जाते थे। आज प्रदेश सरकार 26 हजार करोड़ रूपये की राशि खर्च कर रही है। छात्रावास, छात्रवृत्ति तथा अन्य सुविधाओं के माध्यम से उन्हें सशक्त किया जा रहा है। संत रविदास स्वरोजगार योजना के माध्यम से 1 लाख रूपये से 50 लाख रूपये तक ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है जिसकी ब्याज सरकार जमा कर रही है साथ ही ऋण जमा करने की गारंटी सरकार दे रही है। डॉ भीमराव अम्बेडकर आर्थिक कल्याण योजना, सावित्री बाई फुले स्वसहायता योजना तथा मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति वित्त पोषण योजना के माध्यम से अनुसूचित जाति के युवाओं को स्वरोजगार स्थापित करने में सहायता दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास जी के नाम पर भोपाल में ग्लोबल स्कील पार्क बनाया जायेगा जिसमें लगभग 6 हजार बच्चों को कौशल प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गरीब कल्याण, सामाजिक सद्भाव तथा समरसता के लिए प्रयास करते रहेगे तथा संत रविदास जी के सपनां का शासन स्थापित करेंगे। उसके उपरांत मुख्यमंत्री ने संत रविदास जी के चरण पादुका का पूजन कर उसे अपने सिर पर उठाकर ससम्मान रथ तक पहुंचाया तथा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कार्यक्रम में संत श्री भैयालाल भगत, यात्रा प्रभारी श्री कैलाश जाटव, सांसद श्रीमती रीती पाठक, विधायक सिंगरौली राम लल्लू बैस ने अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की पहल के लिए उनकी सराहना की तथा आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में वन मंत्री श्री विजय शाह, विधायक चितरंगी श्री अमर सिंह, गणमान्य नागरिक श्री कांतदेव सिंह, श्री रणवीर सिंह रावत, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री रामसुमिरन गुप्ता, कमिश्नर रीवा संभाग श्री अनिल सुचारी, श्री एडीजीपी केपी वेंकटेश्वर राव, डीआईजी श्री मिथलेश शुक्ला , कलेक्टर श्री अरूण परमार, पुलिस अधीक्षक मोहम्मद यूसुफ कुरैसी ,जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी गजेन्द्र सिंह नागेश, एसडीएम ऋषि पवार, संयुक्त कलेक्टर अरविंद झा, नगर निगम आयुक्त पवन कुमार सिंह, सहित जन प्रतिनिधि गण , गणमान्य नागरिक एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।