रीवा, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सामूहिक आत्महत्या के बाद मृतकों के गृह गांव अंबा (रीवा) में मातम का माहौल है. मृतकों के गुस्साए परिजनों ने शवों को बीच में रखकर नेशनल हाईवे पर जाम लगा दिया और CBI जांच की मांग करने लगे. मौके पर पहुंचकर पुलिस ने मामले को शांत कराया और परिजनों को समझाइश देकर जाम खुलवाया. एक ही चिता में दंपती को मुखाग्नि दी गई. बगल में बच्चों को दफनाया गया है. अंतिम संस्‍कार से पहले भूपेंद्र के पिता बोले- हमने 4 लोगों की जान गवाई है.

बता दें, भोपाल में लोन के जाल में फंसकर रीवा के रहने वाले भूपेंद्र विश्वकर्मा ने अपने पूरे परिवार के साथ जान दे दी थी. पति-पत्नी और दो बच्चों का शव भोपाल से रीवा पहुंचे तो पिता और परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा. परिजनों ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. साथ ही सरकार से आर्थिक मदद मांगी. घंटों लोगों ने बायपास को जाम रखा. इस दौरान हाईवे पर गाड़ियों की लंबी कतार लग गई.

मृतक भूपेंद्र के पिता शिव नारायण विश्वकर्मा ने बताया कि भूपेंद्र लोन लेने से पहले अपने परिवार के साथ खुश था, लेकिन लोन के बाद से वह काफी परेशान हो गया था. मूलतः रीवा के रहने वाले शिव नारायण राज्य परिवहन भोपाल में नौकरी करते थे. बीआरएस के बाद वह रीवा आ गए थे जबकि दोनो बेटे भोपाल में परिवार के साथ रहते थे. भूपेंद्र MBA करके अच्छी नौकरी कर रहा था. लेकिन लोन ने उसके परिवार को खत्म करने को मजबूर कर दिया.

परिजनों ने हाईवे जाम लगाकर आर्थिक मदद मांगी
परिजनों का कहना है कर्ज से परेशान होकर भूपेंद्र अपने परिवार के साथ यह कदम उठया. परिजनों का आरोप है कि भूपेंद्र को ब्लैकमेल किया जा रहा था. उन्होंने आत्महत्या नहीं बल्कि उनकी हत्या हुई है. इस मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए. बता दें, पुलिस को मौके से सुसाइड नोट मिला था, जिसमें लिखा था कि कर्ज से परेशान हैं इसलिय यह कदम उठा रहे हैं. मेरे जाने के बाद मेरे परिवार को कोई परशान नहीं करें. मौत को गले लगाने से पहले वीडियो बनाया, सेल्‍फी ली और परिवार के सभी सदस्‍यों से माफी मांगी थी.