श्योपुर, मध्य प्रदेश के श्योपुर में स्थित कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मौत हो गई है. साउथ अफ्रीका से लाए गए नर चीता तेजस की मौत के बाद कूनो प्रबंधन में हड़कंप मच गया है. सवाल उठने लगे हैं कि कूनो में आखिर एक के बाद एक चीते की मौत क्यों हो रही है?

कूनो प्रबंधन का कहना है कि चीते तेजस की मौत की वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगी, लेकिन माना जा रहा है कि नामीबियाई मादा चीता नाभा के साथ मेटिंग के दौरान तेजस आपसी संघर्ष में घायल हो गया था. जब तक वेटेरियन उसका उपचार शुरू करते, उससे पहले ही उसने दम तोड़ दिया.

मंगलवार सुबह 11 बजे मानीटरिंग टीम ने नर चीता तेजस की गर्दन के ऊपरी हिस्से में चोट के निशान देखे थे. इसकी सूचना तत्काल टीम ने पालपुर मुख्यालय पर उपस्थित वन्य प्राणी चिकित्सकों को दी. वन्य प्राणी चिकित्सक मौके पर पहुंचे और तेजस की गर्दन पर घाव देखे. इस दौरान तेजस को बेहोश किया गया और उसके उपचार की तैयारी की गई. जब डॉक्टर मौके पर पहुंचे, तब चीता मृत अवस्था में मिला.

मेटिंग की जद्दोजहद में मौत होने की आशंका!
बुधवार को भोपाल वन विहार के वेटेरियन डॉ. अतुल गुप्ता और वेटेनरी कॉलेज जबलपुर से डॉ. काजल कूनो पहुंचकर तेजस के शव का पोस्टमार्टम करेंगे. चीता तेजस कूनो पार्क में बने बाड़ा संख्या 6 में अकेला ही था. वहीं पास में बाड़ा संख्या 5 में मादा चीता नाभा रखी गई थी.प्रबंधन द्वारा मेटिंग कराने की मंशा से 5 नंबर बाडे़ का गेट खोला गया था. इसके लिए दोनों के बीच मेटिंग की जद्दोजहद को ही तेजस की मौत की वजह मानी जा रही है. हालांकि पोस्टमार्टम के बाद मौत के असल कारणों का पता चल सकेगा.

पीसीसीएफ ने कहा- पोस्टमार्टम से स्पष्ट होगी मौत की वजह
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (PCCF) जसवीर सिंह चौहान ने आजतक को फोन पर बताया कि नर चीता तेजस को लगी चोटों के संबंध में जांच की जा रही है. पोस्टमार्टम के बाद मौत की वजहों का पता लगाया जा सकेगा. नर चीता तेजस 6 नंबर के बाड़े में अकेला रखा गया था, लेकिन 5 नंबर बाडे़ में रखी गई मादा चीता नाभा ( सवाना) के साथ मेटिंग कराने के उद्देश्य से बाडे़ के बीच का गेट खोला गया था. नर चीता तेजस की गर्दन पर घाव के निशान मिले थे. आशंका है कि चीतों के बीच आपसी संघर्ष हुआ हो.

नामीबिया और साउथ अफ्रीका से लाए गए थे चीते
बता दें कि कूनो नेशनल पार्क में चीता पुनरोत्थान के लिए नामीबिया और साउथ अफ्रीका से 20 चीते लाए गए थे, लेकिन अलग-अलग कारणों से अभी तक 4 वयस्क और 3 शावकों की मौत हो चुकी है. इसके बाद कूनो में अब 16 वयस्क चीते और 1 शावक स्वस्थ अवस्था में है. इनमें से 12 चीतों को कूनो के खुले जंगल में छोड़ दिया गया है. वहीं 4 चीते और एक शावक बडे़ बाडे़ में मौजूद है.

कूनो नेशनल पार्क में कब किस चीते की हुई मौत?
अब तक 4 चीता समेत 3 शावकों की मौत हो चुकी है. कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया और साउथ अफ्रीका से कुल 20 चीते लाए गए थे, इनमें से नामीबियाई मादा चीता ज्वाला ने 4 शावकों को जन्म दिया था. यहां 26 मार्च 2023 को नामीबियाई मादा चीता साशा की मौत किडनी संक्रमण के चलते हो गई थी. वहीं नर चीता उदय की मौत 23 अप्रैल 2023 को कार्डियो पल्मोनिरी फेलियर के चलते हुई थी.

हिंसक इंट्रक्शन में हो चुकी है नर चीतों की मौत
इसके बाद दक्षा की मौत 9 मई 2023 को नर चीतों के साथ हिंसक इंट्रक्शन के चलते हो गई थी. नामीबियाई मादा चीता सियाया (ज्वाला) के 4 शावकों में से एक की मौत 23 मई को, इसके बाद दो की मौत 25 मई को डिहाइड्रेशन से हो गई थी. अब मंगलवार 11 जुलाई को एक और साउथ अफ्रीकी चीता तेजस की मौत संभवतः नामीबियाई मादा चीता नाभा (सवाना) के साथ हिंसक इंट्रक्शन के चलते हो गई है.