भोपाल । मध्य प्रदेश के भोपाल, सागर, रीवा, उज्जैन, चंबल समेत पांच जिलों में अत्यधिक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है और 8 इंच तक बारिश होने की संभावना है। भोपाल में सुबह भर रुक-रुक कर बारिश होती रही, जिसमें हल्की बूंदाबांदी से लेकर भारी बारिश तक शामिल है। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी एचएस पांडे ने कहा कि वर्तमान वर्षा की स्थिति पूरे राज्य में अनुकूल है। राजस्थान में जैसलमेर, शिवपुरी और सीधी के ऊपर से एक ट्रफ लाइन गुजर रही है। यह सिस्टम राजस्थान पर सक्रिय है, जिसके परिणामस्वरूप दोनों तरफ से नमी आ रही है, जिससे बारिश का मौजूदा दौर जारी है।

मध्‍य प्रदेश में मानसून मेहरबान हो गया है। प्रदेश में मानसून की सक्रियता फिर बढ़ गई है। कई हिस्सों में तेज वर्षा का दौर जारी है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में प्रदेश के 18 जिलों विदिशा, राजगढ़, खंडवा, नीमच, मंदसौर, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुर कलां, अनूपपुर, उमरिया, जबलपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, पन्ना, सागर, दमोह और जबलपुर में भारी वर्षा का यलो अलर्ट जारी किया है। बता दें कि अब तक कई जिलों में भारी वर्षा होने से नदी-नाले उफान पर हैं। इसके अलावा वर्षा या गरज-चमक के साथ बौछारों की भी चेतावनी दी गई है। इसमें भोपाल, नर्मदापुरम, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल, शहडोल और सागर संभाग के जिले हैं।

आईएमडी भोपाल के अनुसार, मध्य प्रदेश में 1 जून से 10 जुलाई तक सामान्य से 13% अधिक वर्षा हुई है। पूर्वी मध्य प्रदेश में 18% अधिक वर्षा हुई है, जबकि पश्चिमी मध्य प्रदेश में औसत से 8% अधिक वर्षा हुई है। पूरे मध्य प्रदेश में अगले 4-5 दिनों तक मध्यम बारिश जारी रहने की उम्मीद है, साथ ही कुछ इलाकों में भारी बारिश की भी संभावना है।

यह प्रणालियां करा रहीं वर्षा

अरब सागर और गुजरात के तट पर हवा के ऊपरी भाग में बना चक्रवात अब आगे बढ़कर दक्षिण पश्चिमी राजस्थान में पहुंचकर कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित हो गया है। इस प्रणाली को लगातार अरब सागर से नमी मिल रही है। अप्रत्याशित ट्रैक पर चलते हुए राजस्थान पहुंचने और वहां मजबूत हो जाने से प्रदेश में मानसून की जो गतिविधियां पिछले दो दिनों से कम हो रही थी, अब अचानक फिर बढ़ने लगी हैं।

भारी बारिश की भी भविष्यवाणी

मौसम विभाग ने 10-12 जुलाई को मेघालय और 11-12 जुलाई को अरुणाचल प्रदेश और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में छिटपुट अत्यधिक भारी बारिश की भी भविष्यवाणी की है। अगले चार दिनों के दौरान कोंकण और गोवा तथा गुजरात क्षेत्र में हल्की/मध्यम वर्षा के साथ छिटपुट भारी वर्षा जारी रहने की भी संभावना है। 13 जुलाई और 14 जुलाई को मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों में भी भारी वर्षा होने की संभावना है। अगले चार दिनों के दौरान तटीय कर्नाटक और केरल में और जुलाई को तटीय आंध्र प्रदेश में हल्की/मध्यम वर्षा के साथ छिटपुट भारी वर्षा होने की भी संभावना है।

वहीं मानसून द्रोणिका जो अभी शिवपुरी और सीधी से होकर जा रही है, उसके भी फिलहाल और ऊपर उठकर उत्तर प्रदेश और पंजाब की ओर जाने की संभावना नहीं है। इस द्रोणिका तक बंगाल की खाड़ी से नमी आ रही है। ऐसे में द्रोणिका के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में वर्षा होगी। मानसून की दोनों शाखाओं के सक्रिय हो जाने से ग्वालियर, उज्जैन, चंबल और सागर संभाग में मानसून की गतिविधियां बढ़ेंगी। वहीं, इसका असर जबलपुर शहडोल संभाग के हिस्सों पर भी दिखेगा। बाकी हिस्सों में छिटपुट वर्षा होती रहेगी। सोमवार को सुबह 8.30 से 5.30 बजे तक हुई वर्षा (मिमी में)सागर 11.0मंडला 7.0पचमढ़ी 3.0ग्वालियर 1.0सतना 1.0उज्जैन 1.0धार 1.0गुना 0.3जबलपुर 0.2इंदौर 0.1

14 जुलाई तक भारत के विभिन्न हिस्सों में बारिश की भविष्यवाणी

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को 14 जुलाई तक भारत के विभिन्न हिस्सों में बारिश की भविष्यवाणी की। मौसम कार्यालय ने कहा कि इस दौरान उत्तराखंड, पूर्वी राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की/मध्यम बारिश के साथ भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। अगले चार दिन. अगले तीन से चार दिनों के दौरान पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत जैसे उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर और बिहार के हिस्सों में भी इसी तरह की मौसम की स्थिति बने रहने की संभावना है। अगले चार दिनों के दौरान ओडिशा और 12-13 जुलाई को झारखंड में भी भारी बारिश होने की संभावना है।