778 स्वास्थ्य संस्थाओं को मिलेंगे अवार्ड
भोपाल । लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने वर्ष 2023 के कायाकल्प अवार्ड की घोषणा सोमवार को मंत्रालय में की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सभी जिला चिकित्सालय, सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को अवार्ड की जानकारी देते हुए मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना से अधिक संस्थाओं को कायाकल्प अवार्ड दिए जाएंगे।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि वर्ष 2022 में 395 संस्थाओं को 4 करोड़ 50 लाख रुपये के कायाकल्प अवार्ड दिये गये थे। इस वर्ष 778 संस्थाओं को 6 करोड़ 12 लाख रुपये के कायाकल्प अवार्ड दिये जाएंगे। अवार्ड की कुल राशि में से 75 प्रतिशत राशि संस्था के सुदृढ़ीकरण में उपयोग में लाई जाती है और 25 प्रतिशत राशि संस्थाओं के कर्मचारियों को इन्सेंटिव के रूप में दी जाती है।
स्वास्थ्य मंत्री ने जिला अस्पताल अनूपपुर और रतलाम को संयुक्त रूप से 25-25 लाख रुपये का प्रथम कायाकल्प अवार्ड देने की घोषणा की। प्रथम रनरअप जिला अस्पताल सीहोर को 20 लाख रुपये और द्वितीय रनरअप जिला अस्पताल दमोह को 10 लाख रुपये के अवार्ड की घोषणा की। बेस्ट ईको-फ्रेण्डली जिला अस्पताल विदिशा को 10 लाख रुपये के अवार्ड की घोषणा की गई।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रामनगर को मिलेंगे दो पुरस्कार
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रामनगर जिला सतना को सिविल अस्पताल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की श्रेणी में 15 लाख का पहला और बेस्ट ईको-फ्रेण्डली चिकित्सालय का पांत लाख रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की। सिविल अस्पताल/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की श्रेणी में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जावर जिला सीहोर को 10 लाख रुपये का रनरअप कायाकल्प अवार्ड देने की घोषणा हुई।
43 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को पहला पुरस्कार
जिले के 43 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को प्रथम कायाकल्प अवार्ड देने की घोषणा की गई। इनमें आगर-मालवा जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कनाड़, अलीराजपुर के उबलार, बालाघाट के भानेगाँव, बड़वानी के भवाती, बैतूल के देहरी अमढाना, भिण्ड के मिहोना, भोपाल के नजीराबाद, बुरहानपुर का निम्बोला, छतरपुर का गढ़ी-मलहरा, छिंदवाड़ा का मांगुरली, दमोह के जेरथ, दतिया के सोनागिर, देवास के बैजगवाड़ा, डिण्डोरी के गढ़ासारसी, गुना के मकसूदनगढ़, ग्वालियर के चिनोर, हरदा के रहटगाँव, इंदौर के क्षिप्रा, जबलपुर के गोसलपुर, झाबुआ के काकनवानी, खण्डवा के पुरनी, खरगोन के करही और बांगरदा, मण्डला के समनापुर, मंदसौर के टकरवाड़, मुरैना के सुमावली, नर्मदापुरम के सेमरी हरचंद, नरसिंहपुर के सिंगपुर, नीमच के डिकेन, रायसेन के देवनगर, राजगढ़ के माचलपुर, रतलाम के धारड़, रीवा के रेहट, सतना के जैतवाड़ा, सीहोर के वीरपुर डेम, सिवनी के पलारी, शहडोल के टेहकी, शाजापुर के मक्सी, श्योपुर के दुर्गापुरी, शिवपुरी के लुकवासा, उज्जैन के उन्हेल, उमरिया के करकेली और विदिशा के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गुलाबगंज को पुरस्कार देने की घोषणा की गई।
शहरी स्वास्थ्य केन्द्र की 7 संस्थाओं को पुरस्कार
शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम में संभाग स्तर पर प्रथम पुरस्कार के लिये भोपाल संभाग में मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक पिपलानी, इंदौर से शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सुभाष नगर, ग्वालियर से शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गोल पहाड़िया, उज्जैन से देवास जिले का शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र इटावा, जबलपुर से शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कोलीपाथर, रीवा से सतना जिले का शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हनुमान नगर और सागर के शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मकरोनिया को पुरस्कार देने की घोषणा की गई।
हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर श्रेणी में 30 संस्थाएँ पुरस्कृत
हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर श्रेणी में 30 संस्थाओं को विनर घोषित किया गया। इनमें भोपाल जिले का रायपुर, छतरपुर में पनवारी, जबलपुर में गढ़ाघाट, सीधी में कुचवाही, बड़वानी में पिचोड़ी, शहडोल में बंडीखुर्द, इंदौर में कजलाना, गुना में छिपोन, अनूपपुर में अमलाई, विदिशा में बिलढाना, टीकमगढ़ में नन्हीं टेहरी, उमरिया में चांदनिया, सीहोर में बगवाड़ा, रायसेन में बरखेड़ा सेतु, सतना में गोरही, अशोकनगर में सेजी, डिण्डोरी में निगोरी, नर्मदापुरम में पंजरकाला, खण्डवा में अहमदपुर खैगाँव, राजगढ़ में हिरनखेड़नी, बुरहानपुर में इच्छापुर, सागर में पटना बुजुर्ग, झाबुआ में रूपगढ़, श्योपुर में मकडाबदा, अलीराजपुर में डबाडी, दमोह में नरसिंहगढ़, मण्डला में इंदरी, पन्ना में बड़ागाँव, सिंगरोली में सिद्धिकला और मंदसौर में बोटलगंज को पुरस्कार देने की घोषणा की गई। विजेता संस्थाओं के अतिरिक्त मानदण्डों के अनुरूप 70 प्रतिशत से अधिक स्कोर करने वाली संस्थाओं को सांत्वना पुरस्कार दिये जाने की घोषणा भी की गई।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि पुरस्कृत स्वास्थ्य संस्थाओं ने बेहतर कार्य किया है। ऐसी संस्थाएँ जिन्हें अपेक्षित ग्रेडिंग नहीं मिली, उन्हें इस वर्ष अच्छी ग्रेडिंग पाने के लिये प्रयास करना चाहिये। मंत्री डॉ. चौधरी ने स्वास्थ्य संस्थाओं में सुधार के लिये किये जा रहे प्रयासों से जुड़े सभी अधिकारी-कर्मचारियों को बधाई दी।
प्रदेश में स्वास्थ्य संस्थाओं को सुदृढ़ बनाने और नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराने के प्रयासों की श्रंखला में कायाकल्प अवार्ड एक महत्वपूर्ण कड़ी है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के अनुक्रम में प्रदेश में स्वास्थ्य संस्थाओं में साफ-सफाई रखने और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिये वर्ष 2015 से कायाकल्प अवार्ड प्रारंभ किये गये। अस्पतालों के परिसर में साफ-सफाई रखने और स्वास्थ्य सेवाओं को प्रदान करने की गुणवत्ता की विशेषज्ञों के दल द्वारा जाँच के बाद निर्धारित मानदण्ड अनुसार स्वास्थ्य संस्थाओं को नम्बर दिये जाते हैं। सर्वाधिक नम्बर पाने वाले अस्पताल को पहले पुरस्कार के लिये चयनित किया जाता है। जिला अस्पताल, सिविल/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, शहरी स्वास्थ्य केन्द्र, हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर की पांत श्रेणी में कायाकल्प अवार्ड दिये जाते हैं। स्वास्थ्य संचालक पंकज जैन और दिनेश श्रीवास्तव एवं एनएचएम सीईओ एके रावत उपस्थित थे।