नई दिल्ली । भारत के सचिन मीना और पाकिस्तान की सीमा हैदर अपना जीवन नए सिरे से जीने के लिए तैयार हैं। दोनों ही जमानत मिलने के बाद शनिवार को बारिश में भीगते हुए जेल से बाहर निकले। सीमा को अपने सात साल से कम उम्र के चार बच्चों के साथ नेपाल के रास्ते बिना वीजा के अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने के आरोप में 4 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। वहीं, सचिन को अवैध अप्रवासियों को शरण देने के लिए सलाखों के पीछे डाल दिया गया था। अब सीमा ने कहा है कि, ”मेरे पति हिंदू हैं, इसलिए मैं भी हिंदू हूं। मुझे लगता है कि मैं अब भारतीय हूं।”
दोनों का दावा है कि लॉकडाउन के दौरान पबजी गेम खेलते हुए दोनों की बात हुई। दोनों को प्यार हो गया। दो साल फोन पर बातचीत हुई। फिर मिलने के लिए दोनों नेपाल पहुंच गए। पशुपति मंदिर में मार्च महीने में दोनों ने शादी कर ली। इसके बाद सीमा हैदर पाकिस्तान लौट गईं और सचिन ग्रेटर नोएडा स्थित अपने घर चले आए। इसके बाद मई महीने में सीमा हैदर पाकिस्तान से दुबई गईं। वहां से नेपाल पहुंची। फिर बस से छुपते-छुपाते ग्रेटर नोएडा पहुंच गईं। सीमा के साथ उनके चार बच्चे भी पाकिस्तान से आए। आपको बता दें कि सीमा की यह दूसरी शादी है।
सीमा और सचिन ने हाल ही में एक वकील से मुलाकात की थी। दोनों ने बच्चों को पढ़ाने के लिए कागज बनवाने की कोशिश की। हालांकि, वकील ने पुलिस को इसकी जानकारी दे दी। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। अब उनकी जमानत हो चुकी है।
सीमा ने कहा कि मुझे सुबह पता चला कि मुझे जमानत मिल गई है तो मैं खुशी से चीख पड़ी। उन्होंने कहा, ”मैं अब पाकिस्तानी नहीं, बल्कि भारतीय हूं। मेरे पति हिंदू हैं। मैं भी हिंदू हो गई हूं। यहां मुझे बहुत प्यार मिल रहा है। मैं सरकार से हाथ जोड़कर कह रही हूं कि मैं यहीं रहना चाहती हूं। मुझे समाज के लोगों को भी काफी सहयोग मिल रहा है।” सीमा ने आगे बताया कि, ”मेरे पहले पति को इस्लाम धर्म के मुताबिक तलाक दे चुकी हूं। अब वो कुछ भी बोलते रहें, मेरा उनसे कोई संबंध नहीं है। मैं अब यहीं हूं और भारत में ही रहूंगी।”
एक इंटरव्यू में सीमा ने पाकिस्तान से भारत पहुंचने के अपने सफर का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि पहली बार 10 मार्च 2023 को नेपाल में दोनों पहली बार मिले थे। सचिन के कहने पर सीमा हैदर अपने बच्चों को लेकर पाकिस्तान से भारत पहुंचीं। सचिन के घर की आर्थिक तंगी पर सीमा ने कहा कि मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। वे जैसे रहेंगे, मैं भी वैसे रह लूंगी। वे जो खाएंगे, मैं भी वहीं खाऊंगी।