भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘लाडली बहना योजना’ का स्वीकृति पत्र बांटने के दौरान एक परिवार की सरकार की योजनाओं से होने वाली आय का रोचक किस्सा सुनाया. उन्होंने कहा कि किसान परिवार को 84 हजार रुपये से ज्यादा राशि सरकार की ओर से प्रतिवर्ष मिल रही है. उन्होंने कहा कि आयुष्मान कार्ड के जरिए पांच लाख तक का इलाज सहित अन्य योजनाएं अभी अलग से बाकी हैं.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि वह ‘लाडली बहना योजना’ का स्वीकृति पत्र बांटने के लिए एक परिवार के पास पहुंचे. इस दौरान तीन महिलाएं उनके पास पहुंची. उन्होंने पूछा कि आप तीनों बहने हैं क्या? तो मुख्यमंत्री को जवाब मिला कि वे तीनों घर की बहू हैं. उन्हें एक-एक हजार महीना सरकार की ओर से मिलने वाला है. इसके बाद जब उनके परिवार की कृषि भूमि के बारे में जानकारी हासिल की गई तो पता चला कि 5 हेक्टेयर से कम भूमि है.

इस प्रकार उन परिवार को सरकार की ओर से किसान कल्याण सम्मान निधि के रूप में तीन हजार रुपये प्रति माह प्राप्त हो रहा है. इस प्रकार वर्ष भर में लाडली बहना और किसान सम्मान निधि से 72 हजार रुपये की राशि खाते में आ रही है. इसी तरह उनके घर में लाडली लक्ष्मी में मौजूद थी. उसे कालेज में साढ़े बारह हजार रुपये प्राप्त हुए. इस प्रकार एक परिवार को 84 हजार रुपये की राशि सरकार की ओर से मिल रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि आयुष्मान कार्ड के जरिए पांच लाख तक का इलाज सहित अन्य योजनाएं अभी अलग से बाकी हैं.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि मध्य प्रदेश में किसानों की सरकार और मध्य प्रदेश देश का इकलौता ऐसा राज्य है, जहां पर इतनी सारी योजनाओं को एक साथ चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पहले जनहानि होने पर 50 हजार रुपये की राशि मिलती थी. इसे बढ़ाकर अब चार लाख रुपये कर दिया गया है.पशु हानि होने पर 675 रुपये की राशि को बढ़ाकर साढ़े 37 हजार रुपये और मकान की क्षति होने पर 12 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख 20 हजार रुपये कर दी गई है.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुताबिक केले की मुआवजा राशि अधिकतम तीन लाख रुपये से बढ़ाकर छह लाख रुपये कर दी गई है. इसका मकसद यह है कि किसानों को किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े.इसके अलावा यदि केले की फसल 50 फ़ीसदी से अधिक खराब हो जाती है तो प्रति हेक्टेयर दो लाख रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा.

पूर्व मंत्री और विधायक सज्जन सिंह वर्मा के मुताबिक शिवराज सरकार की सारी योजनाएं और घोषणा कागज तक ही सीमित है. यदि मध्य प्रदेश की सरकार 18 सालों तक किसानों और अन्य परिवारों को इतनी बड़ी आर्थिक मदद हर साल देता तो आज प्रदेश की स्थिति इतनी खराब नहीं होती. मध्य प्रदेश का युवा बेरोजगार है. सरकार की युवा हाथों को काम भी नहीं दे पा रही है, जबकि योजनाओं का झूठा ढिंढोरा पीटा जा रहा है.चुनाव आते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लाडली लक्ष्मी,लाडली बहना और आयुष्मान कार्ड याद आ जाते हैं.