भोपाल । मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुरैना में फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र पर 77 लोगों के नौकरी पाने का मामला उठाया है। इसको लेकर दिग्विजय ने गुरुवार को तीन ट्वीट किए. इनमें उन्होंने लिखा कि शिवराज सिंह चौहान की सरकार में एक और घोटाला हुआ है। सरकार ने दिव्यांगों का भी हक छीन लिया. इस घोटाले के बहाने कांग्रेस नेता ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को भी घेरने की कोशिश की है।

दिग्विजय सिंह ने क्या आरोप लगाए हैं
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट में लिखा है, ”शिवराज उर्फ़ मामा के राज में एक और भर्ती घोटाला. दिव्यांगों का हक़ भी छीन लिया! सबसे अधिक भर्ती घोटाले के प्रकरण मुरैना में क्यों होते हैं? क्योंकि भाजपा के प्रांतीय अध्यक्ष मुरैना के हैं? हो सकता है। क्योंकि ‘मोदी है तो मुमकिन है!’

न्होंने लिखा है, ”जिन्होंने फ़र्ज़ी सर्टिफिकेट लिया उन पर तो तत्काल FIR, पर जिसने फ़र्ज़ी सर्टिफिकेट दिए उस पर FIR क्यों नहीं? उसको सस्पेंड क्यों नहीं किया? कलेक्टर और एसपी क्या कर रहे थे? उनका इंटेलिजेंस विभाग क्या कर रहा था? उन पर कार्यवाही क्यों नहीं.मामू राज में रिश्वत देने वाला पकड़ा जाता है रिश्वत लेने वाला नहीं पकड़ा जाता. यही VYAPAM में हुआ था. यही मामू के भ्रष्टाचार का तरीक़ा है. खूब खाओ. पकड़े जाओ तो खिलाने वाले को पकड़ो, खाने वाले को बचाओ. भाजपा की सरकार धंधा कर रही है जनता को लूट रही है.’झूठ लूट की सरकार है’.”

कहां दर्ज कराया गया है केस
इस बीच खबर आई है कि फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी हासिल करने के मामले में 77 शिक्षकों पर मामला दर्ज किया गया है। मुरैना के जिला शिक्षा अधिकारी ने इन शिक्षकों के खिलाफ मुरौना कोतवाली पुलिस थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है. प्रशासन ने तीन शिक्षकों को बर्खास्त भी कर दिया है. मुरैना में 77 शिक्षकों के विकलांगता प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं. ऐसा नहीं है कि इस तरह का घोटाला केवल मुरैना में ही हुआ है। पूरे चंबल संभाग में इस तरह के 450 मामले होने की बात कही जा रही है।