भोपाल। पहलगाम हमले के बाद केंद्र सरकार के ‘देश छोड़ो’ आदेश के बाद देश में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की खोजबीन शुरू हो गई है। इसी खोजबीन के बीच एमपी के अधिकारी पाकिस्तानी पिताओं और भारतीय माताओं से पैदा हुए नौ बच्चों को लेकर दुविधा में हैं। मध्य प्रदेश के एक अधिकारी ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर सोमवार को बताया कि उन्होंने उन 9 बच्चों के बारे में केंद्र सरकार से सलाह मांगी है, जिनके पिता पाकिस्तानी और माताएं भारतीय हैं।
इनमें से चार बच्चे इंदौर में, तीन जबलपुर में और दो भोपाल में अपनी माताओं के साथ हैं। हमने उस शख्स के बारे में भी केंद्र सरकार से सलाह मांगी है जिसने 25 अप्रैल को एलटीवी के लिए आवेदन किया है। केंद्र सरकार के आदेश के अनुसार, इन सभी नौ बच्चों समेत कुल 14 लोगों को देश छोड़ना था। हालांकि इनमें से तीन भारत छोड़कर पाकिस्तान पहुंच गए हैं। एक किसी समस्या के कारण दिल्ली में है। इस शख्स पर विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय विचार कर रहा है।
एक अन्य अधिकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश में विभिन्न प्रकार के वीजा पर 228 पाकिस्तानी नागरिक हैं। बता दें कि केंद्र ने सोमवार को कहा था कि कोई भी पाकिस्तानी निर्धारित डेडलाइन के भीतर भारत छोड़ने में विफल रहता है, उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। ऐसे पाकिस्तानियों पर मुकदमा चलाया जाएगा। ऐसे लोगों को तीन साल तक की जेल या अधिकतम 3 लाख रुपये का जुर्माना या दोनों का सामना करना पड़ सकता है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार, सार्क वीजा रखने वालों को 26 अप्रैल तक भारत छोड़ना होगा। ऐसे पाकिस्तानी जिनके पास आगमन, व्यापार, फिल्म, पत्रकार, पारगमन, सम्मेलन, पर्वतारोहण, छात्र, आगंतुक, समूह पर्यटक और तीर्थयात्री वीजा हैं, उन्हें 27 अप्रैल तक भारत छोड़ना होगा। पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों को दिए जाने वाले समूह तीर्थयात्री वीजा वालों को भी 27 अप्रैल तक देश छोड़ने को कहा गया है।
ऐसे पाकिस्तानी जिनके पास मेडिकल वीजा है, उन्हें 29 अप्रैल तक छोड़ने का अल्टिमेटम दिया गया है। गृह मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को कोई नया वीजा जारी नहीं किया जाएगा। बीते 25 अप्रैल को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को फोन कर यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि उनके राज्य में कोई भी पाकिस्तानी निर्धारित समय सीमा से आगे रहते हुए नहीं पाया जाना चाहिए।