भोपाल। प्रदेश के करीब 85 लाख विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति ऑनलाइन दी जाएगी। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने सॉफ्टवेयर तैयार कर सफल टेस्ट भी कर लिया है। इसका लोकार्पण शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर सकते हैं। सॉफ्टवेयर की मदद से एक क्लिक में ही सभी छात्रों के बैंक खातों में छात्रवृत्ति की राशि पहुंच जाएगी। विभाग समग्र शिक्षा पोर्टल के माध्यम से 30 प्रकार की छात्रवृत्ति बांटता है।
शासन ने स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों और विकलांगों को छात्रवृत्ति बांटने का जिम्मा स्कूल शिक्षा विभाग को सौंपा है। विभाग पिछले दो साल से चेक के माध्यम से छात्रवृत्ति बांट रहा है। पिछले साल 85 लाख विद्यार्थियों को विभिन्न् योजना के तहत छात्रवृत्तियां दी गई थीं।
इस प्रक्रिया को अब ऑनलाइन किया जा रहा है। विभाग ने एनआईसी की मदद से इसका अलग से पोर्टल तैयार कर लिया है। पिछले दिनों विद्यार्थियों के बैंक खातों में एक-दो रुपए जितनी मामूली राशि ट्रांसफर करके सॉफ्टवेयर को परख लिया गया है। विभाग के अफसर इस प्रयास में हैं कि पोर्टल का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करें। इस पर अंतिम निर्णय गुरुवार को होगा।
प्रोफाइल अपडेट कर रहे प्राचार्य
पोर्टल से विद्यार्थियों को एक साथ छात्रवृत्ति बांटने के लिए उनकी प्रोफाइल भी अपडेट करनी पड़ रही है। हायर सेकंडरी स्कूल प्राचार्यों को यह जिम्मा सौंपा गया है। वे विद्यार्थियों के स्कूल और बैंक संबंधी दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड कर रहे हैं।
ट्रेजरी में नहीं लगेंगे बिल
ऑनलाइन व्यवस्था शुरू होने के बाद छात्रवृत्ति बांटने में दिक्कत नहीं होगी। प्राचार्य स्कूल के पात्र विद्यार्थियों का डाटा अपलोड करेंगे और राज्य स्तर से सीधे उनके बैंक खाते में राशि पहुंचा दी जाएगी। प्राचार्यों को जिला शिक्षा कार्यालय और डीईओ को ट्रेजरी में बिल नहीं लगाने पड़ेंगे। इससे छात्रवृत्ति में गड़बड़ी भी रुकेगी।
छात्रों को यह छात्रवृत्ति मिलती
सामान्य निर्धन वर्ग छात्रवृत्ति (इसके तहत छह प्रकार की छात्रवृत्ति), अनुसूचितजाति-जनजाति छात्रवृत्ति, प्री-मेट्रिक-पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति, नि:शक्त छात्रवृत्ति, अस्वच्छ धंधा छात्रवृत्ति, शिक्षा विकास छात्रवृत्ति (इकलौती बेटी के लिए) सहित विभिन्न् विभागों की 30 प्रकार की छात्रवृत्ति दी जाती हैं।