भोपाल। प्रदेश में कई ऐसे अधिकारी हैं जो मुख्यमंत्री की प्राथमिकता के बाद भी सीएम हेल्पलाइन के केस निराकरण में रुचि नहीं ले रहे हैं। सीएम सचिवालय को पहुंची रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। इसके बाद ऐसे अफसरों को चिन्हित कर जिलों को जानकारी भेजी गई है। लागिन नहीं किए जाने की सबसे अधिक पेंडिंग कम्प्लेन स्वास्थ्य विभाग की हैं। शिकायत अटेंड नहीं करने वालों में अपर कलेक्टर स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं।

संचालक सीएम हेल्पलाइन की ओर से जिलों को भेजे पत्र में कहा गया है कि सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर मिलने वाली शिकायतों के निराकरण में रुचि नहीं लेने वाली अफसरों की कार्यशैली शासन की मंशा के विपरीत है। सभी जिला लोक सेवा प्रबंधकों को ऐसे अफसरों की सूची भेजते हुए कहा गया है कि ऐसे लापरवाह अफसरों द्वारा पोर्टल पर लॉगिन ही नहीं किया जा रहा है जबकि इन्हें शिकायत दर्ज होते ही मैसेज के माध्यम से तुरंत सूचना मिल जाती है। इस मामले में अफसरों की लापरवाही इसलिए भी गंभीर है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कम्प्लेन कम करने को लेकर गंभीर हैं और एक माह में अस्सी फीसदी शिकायतों का निराकरण करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। इसके बावजूद अधिकारियों द्वारा उनके लेवल पर पहुंचने वाली कम्प्लेन को लागिन नहीं किए जाने से पेंडेंसी बढ़ी हुई है।

अधिकारियों द्वारा सीएम हेल्पलाइन की शिकायत निराकरण के लिए लॉगिन नहीं किए जाने की बदौलत जो शिकायतें पेंडिंग हैं, उसमें सबसे अधिक स्वास्थ्य विभाग सागर की 478, बैतूल की 420, दमोह की 324 और सतना जिले की 175 कम्प्लेन हैं। इसके अलावा शहडोल की 136, रीवा की 71 शिकायतें पेंडिंग हैं।

82 अफसरों की है सूची: सीएम हेल्पलाइन की ओर से जो सूची जारी की गई है उनमें अलग-अलग जिलों और विभागों के 82 अधिकारी शामिल हैं। इसमें सामाजिक न्याय विभाग नीमच, सतना, रीवा,  स्वास्थ्य विभाग अनूपपुर, सिंगरौली, सागर, बैतूल, दमोह, सतना, शहडोल, रीवा, होशंगाबाद, मंडला, कटनी, रतलाम, बालाघाट, डिंडोरी, मंदसौर, निवाड़ी, उज्जैन, अशोकनगर, टीकमगढ़, ग्वालियर, पन्ना, भोपाल, श्योपुर परिवहन विभाग बैतूल, पीएचई विभाग कटनी, ग्वालियर, होशंगाबाद, सीधी, खाद्य विभाग ग्वालियर, मंडला, ऊर्जा विभाग रीवा, भिंड, कटनी, राजगढ़,जबलपुर, धार, बैतूल, राजस्व विभाग भोपाल, सतना, कटनी, उमरिया, पन्ना, महिला और बाल विकास विभाग सतना, चिकित्सा शिक्षा विभाग भोपाल, वित्त विभाग धार, श्योपुर शामिल हैं। इनके अलावा नर्मदा घाटी विकास विभाग खरगोन, नगरीय विकास और आवास विभाग उमरिया, ग्वालियर,  स्कूल शिक्षा विभाग सीधी, रीवा, सतना, बालाघाट, पशुपालन और डेयरी विभाग शिवपुरी, गृह विभाग उज्जैन, श्रम विभाग बैतूल, सामान्य प्रशासन विभाग राजगढ़, सतना, श्योपुर, वन विभाग मुरैना, इंदौर, लोक निर्माण विभाग छतरपुर, किसान कल्याण विभाग सागर, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग निवाड़ी के भी नाम हैं।

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