ग्वालियर। भिण्ड शहर के चतुर्वेदी नगर में मॉं-बेटे की निर्ममता पूर्वक की गई हत्या में पुलिस ने मृतिका के भतीजे को गिरफ्तार कर लिया है। 80 हजार रुपए को लेकर की गई इस अंधे कत्ल का खुलासा पुलिस 9 माह में कर पाई।
पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह कुशवाह ने आज दौहरे हत्याकाण्ड का खुलासा करते हुए बताया कि चतुर्वेदी नगर निवासी सेना से सेवानिवृत सूबेदार मेजर जयनारायण दुबे 25 अक्टूवर 2016 को घर से किसी काम से गांव गए थे। जयनारायण दुबे की पत्नी श्रीमती शांतीदेवी व उनका पुत्र मनोज दुबे घर में थे। दोनों मॉं-बेटे रात्रि को घर में सो रहे थे। तभी शांतीदेवी का भतीजा रामू दुबे उनके घर आया तो शांतीदेवी ने रामू से 80 हजार रुपए मांगे जो शांतीदेवी ने काफी दिन पहले रामू को उधार दिए थे। 80 हजार रुपए के लेनदेन को लेकर दोनों में मुंहबाद हुआ तो गुस्से में रामू ने अपनी ताई की चाकुओं से गोद कर निर्मम हत्या कर दी। घर में शांतीदेवी की आवाज सुनकर उनका बेटा मनोज दुबे जो मानसिक रुप से कुछ विक्षिप्त है वो आ गया। तो रामू ने पहचान खुलने के डर से मनोज की भी चाकुओं से हत्या कर दी। बारदात को अंजाम देने के बाद दोनों के शवों को घर के बक्शे में रखकर भाग गया। पुलिस को शंका थी कि हत्या को अंजाम देने वाला कोई घर का ही है या फिर कोई रिश्तेदार ही हैं। पुलिस बराबर मृतिका के परिवारीजनों व रिश्तेदारों से पूछताछ कर रही थी। लेकिन हत्या का कोई ठोस सुराग नहीं मिल रहा था। चंबलरेंज के पुलिस महानिरीक्षक द्वारा हत्या का सुराग देने वाले को 25 हजार रुपए का ईनाम भी घोषित किया गया फिर भी हत्या का कोई अह्म सुराग नहीं लग पा रहा था।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जांच में एक महत्वपूर्ण सुराग ये लगा कि मृतिका शांतीदेवी का भतीजा रामू दुबे जो एक आपराधिक प्रवृति का है जिसने भिण्ड देहात थाना क्षेत्र में अपने घनिष्ट मित्र की नाबालिंग बहिन के साथ कुकर्म किया था। भिण्ड देहात थाने में रामू दुबे के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज हैं। तभी से रामू फरार चल रहा है। पुलिस को संदेह हुआ कि वह जब अपने मित्र जो 5 साल तक हत्या के प्रयास में इन्दौर जेल में साळा रहा था उसकी बहिन के साथ कुकर्म कर सकता है तो इस बारदात को भी अंजाम दे सकता हैं। रामू की तलाश की गई तो वह फरार चल रहा था। कल रात्रि को पुलिस को मुखबिर के जरिए सूचना मिली कि रामू दुबे एक कार से रात्रि मे ग्वालियर की ओर जाने वाला हैं। पुलिस ने शहर की नाकेबंदी कर वाहनों की चैकिंग की गई तो ने कल रात्रि को रामू रेनोल्ट कार से ग्वालियर की ओर जाते पाया गया तो उसकी तलाशी ली गई तो उसके पास 315 बोर का कट्टा व 7 जिन्दा कारतूस बरामद किए गए। रामू को पुलिस शहर कोतवाली लाई जहां उसने पुलिस को बताया कि शांतीदेवी उसकी ताई थी उनसे उसने 80 हजार रुपए उधार ब्याज पर लिए थे। वह उनके रुपए वापस कर पा रहा था और न ब्याज ही दे पा रहा था। ताई आए दिन उसकी सार्वजनिक तौर पर बेइज्जती करती थी। 25 अक्टूवर को भी जब उनके घर गया काफी बेइज्जती की तो उसने उनकी हत्या कर दी। मनोज उसका चचेरा भाई था उसने हत्या करते देख लिया था तो हत्या का खुलासा न होने पाए इस लिए उसकी भी हत्या कर दी।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि शहर कोतवाली पुलिस ने रामू को दौहरे हत्याकाण्ड में गिरफ्तार कर लिया तथा इस हत्याकाण्ड का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को पुरुस्कृत किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *