रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार ने 40 दिन से बंद प्रदेश की शराब दुकानों को 4 मई से खोल दिया. लॉकडान  फेज-3 के पहले दिन शराब की जमकर खरीदारी हुई. कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे के बीच भी लोग शराब खरीदने के लिए रेलम-पेल करते नजर आए. राजधानी रायपुर के लालपुर में अनियंत्रित भीड़ को काबू में करने के लिए सरकार को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा. सोशल व फिजिकल डिस्टेसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं, लेकिन इन सब के बीच राज्य सरकार ने शराब बेचकर अच्छा राजस्व प्राप्त किया. सरकार ने सुबह 8 से शाम 7 बजे तक शराब दुकनें खोलने की अनुमति दी थीं, लेकिन व्यवस्था को देखते हुए जिला प्रशासन ने करीब 8 घंटे तक दुकानों से शराब बेची.

छत्तीसगढ़ से प्रकाशित नवभारत अखबार में छपी खबर के मुताबिक- छत्तीसगढ़ सरकार ने लॉकडाउन में लंबे समय बाद 4 मई से शराब की दुकानें खोलीं. प्रदेश भर में 662 शराब की दुकानों से सरकार ने देशी व विदेशी शराब, बीयर बेची. छत्तीसगढ़ में सरकार ही शराब की दुकानों का संचालन कर रही है. खबर के मुताबिक लॉकडाउन के फेज-3 के पहले दिन सरकार ने 45 से 50 करोड़ रुपये की शराब बेची. आम दिनों में 19 से 20 करोड़ रुपये की शराब ही बिकती है. शराब दुकानों के खुलते ही आबकारी विभाग के सोशल डिस्टेसिंग का पालन करवाने का दावा भी खोखला हो गया.


पहले दिन शराब की दुकानों में उमड़ी भीड़ को देखते हुए राज्य सरकार ने 5 मई से शराब की होम डिलीवरी पर जोर दिया है. 4 मई की शाम को सरकार ने इसको लेकर एक दिशा निर्देश जारी किया. इसमें बताया गया- सोशल डिस्टेंसिंग एवं कोविड-19 के फैलाव को नियंत्रित करने के उद्देश्य से होम डिलिवरी की अनुमति भी शासन के द्वारा प्रदान की गई है. राज्य की मदिरा दुकानें छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पाेरेशन के द्वारा संचालित हैं. शासन के आदेश के पालन में मदिरा दुकानों में भीड़ को नियंत्रित करने सोशल एवं पर्सनल डिस्टेंसिंग के पालन के दृष्टि से डेलिवरी बाॅय के माध्यम से मदिरा प्रदाय की व्यवस्था की शुरुआत की गई है. यह व्यवस्था वर्तमान में भारत सरकार के आदेश के तहत ग्रीन जोन में शुरू हो गई है.

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