भोपाल। मध्यप्रदेश में करीब 1 लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं में से मात्र 30 हजार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के पास ही मोबाइल है। कमलनाथ सरकार करीब 70 हजार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मोबाइल फोन देगी। या मोबाइल फोन 10 हजार रुपए बाजार मूल्य का होगा। मोबाइल फोन का वितरण केंद्र सरकार के आदेश पर किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने मोबाइल खरीदने की जिम्मेदारी लघु उद्योग निगम को सौंपी है। टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 10 हजार रुपए मूल्य का मोबाइल दिया जाएगा। अभी 27 हजार 817 कार्यकर्ताओं के पास मोबाइल हैं। विभाग का दावा है कि मोबाइल देने से आंगनवाडियों के कामकाज में सुधार आया है। मध्यप्रदेश में 43 लाख बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। फिर भी शिकायतें मिल रही हैं कि आंगनवाडियां समय से नहीं खुल रहीं। लगातार मॉनीटरिंग नहीं हो रही। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने देशभर की आंगनवाडियों को जियो टैग करने और कार्यकर्ताओं को मोबाइल देने के निर्देश दिए हैं।
मध्यप्रदेश में पहले शिवराज सरकार ने कार्यकर्ताओं को मोबाइल बांटने की शुरुआत की थी, लेकिन दूसरे चरण में अब तक मोबाइल नहीं बांटे गए। अब भी 69,218 कार्यकर्ताओं के पास मोबाइल नहीं हैं, जिससे मॉनीटरिंग में दिक्कत आ रही है। इसलिए विभाग लगातार मोबाइल खरीदने की कोशिश कर रहा है। पिछले 11 माह में चार बार टेंडर की प्रक्रिया की गई, लेकिन सही रेट नहीं आए। आखिर विभाग ने एलयूएन को टेंडर प्रक्रिया का जिम्मा सौंपा है।
विभाग को 36 जिलों के 69 हजार 218 कार्यकर्ताओं को मोबाइल देना है। अभी तक 16 जिलों के कार्यकर्ताओं को 27 हजार 817 मोबाइल दिए गए हैं। ये मोबाइल माइक्रोमैक्स और कार्बन कंपनी के हैं। विभाग के अफसरों का कहना है कि पिछले एक-डेढ साल में बाजार में अच्छे और ज्यादा सुविधाओं वाले मोबाइल फोन आ गए हैं इसलिए इस बार कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा रहेगी। जिसका फायदा विभाग को मिलेगा।
मध्यप्रदेश महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव अनुपम राजन ने बताया कि 69 हजार से ज्यादा आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को मोबाइल दिए जाना है। इसके लिए चार बार टेंडर कर चुके हैं। अब एलयूएन को टेंडर की जिम्मा सौंपा है।