इंदौर। शहर की एक कंपनी के सात कर्मचारियों ने नौकरी से निकाले जाने के बाद एकसाथ जहर खा लिया। सभी को तुरंत एमवाय अस्पताल में उपचार के लिए भेज दिया गया और अब सभी की सामान्य बनी है।
परदेशीपुरा थाना पुलिस के अनुसार, सात कर्मचारियों- जमनाधार विश्वकर्मा, दीपक सिंह, राजेश मेमियोरिया, देवीलाल करेड़िया, रवि करेड़िया, जितेंद्र धमनिया, शेखर वर्मा ने एक साथ खाया जहर। आज से सभी को कंपनी ने काम से निकल दिया था। सभी कर्मचारी परदेसीपुरा थाना अंतर्गत राजकुमार ब्रिज के पास स्थित अजमेरा वायर में काम करते थे। इन्हें कई महीनों से वेतन भी नहीं मिला था। नौकरी से निकाले जाने पर सभी ने एकमत होकर कंपनी के बाहर ही जहर खा लिया। वहां मौजूद लोगों ने सभी को तुरंत एमवाय अस्पताल पहुंचाया।
पुलिस के अनुसार सभी की हालत सामान्य है। घटना के बाद से अभी तक कंपनी मालिक रवि बाफना, पुनीत अजमेरा के बारे में कोई जानकारी नहीं है। स्वजनों के अनुसार कंपनी मालिकों ने नई कंपनी खोली है और निकाले गए कर्मचारियों को उस नई कंपनी में काम देने की बात कही थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। दबाव में इन्होंने यह कदम उठाया।
जिन कर्मचारियों को बाहर निकाला गया है, वह हैं- जमनाधार विश्वकर्मा, दीपक सिंह, राजेश मेमियोरिया, देवीलाल करेडिया, रवि करेड़िया, जितेंद्र धमनिया और शेखर वर्मा. इनको अचानक से ये कहकर कम्पनी से निकाल दिया कि अब कंपनी में आपके लिए कोई काम नहीं है. सातों कर्मचारी पिछले 20 सालों से इसी कंपनी में काम कर रहे थे.
अचानक से निकले जाने सभी डिप्रेशन में आ गये, जिसके चलते आज सुबह सभी कर्मचारी कम्पनी के गेट पर पहुंचे और वहां सभी ने एक साथ जहर खा लिया. साथी कर्मचारियों ने सभी को एमवाय अस्पलात में भर्ती कराया गया है, जहां सभी खतरे से बाहर हैं. इस घटना की जानकारी जैसे ही पुलिस को हुई तो आला-अधिकारी मौके पर पहुंच गए.
पिछले 20 साल से कंपनी में कर रहे थे काम
कम्पनी ने कर्मचारियों से कहा कि अब कंपनी में आपके लिए कोई काम नहीं है, सभी सात कर्मचारी पिछले 20 साल से इस कंपनी में काम कर रहे थे और वे सभी अचानक डिप्रेशन में आ गए, जिसके कारण सभी कर्मचारी आज सुबह कंपनी के गेट पर पहुंच गए और सबने मिलकर जहर खा लिया. जिसके बाद साथी कर्मचारियों ने सभी को एमवाय अस्पताल (MY Hospital) में भर्ती कराया, जहां सभी खतरे से बाहर हैं.
कंपनी का काम पिछले सात महीने से बंद था:पुलिस
वहीं पुलिस के अनुसार कंपनी में 20 कर्मचारी काम करते हैं और कंपनी का काम पिछले सात महीने से बंद था और मालिक ने कर्मचारियों को सात महीने का वेतन भी नहीं दिया था और सभी सात कर्मचारियों को बाणगंगा में उनकी दूसरी फैक्ट्री में काम पर शिफ्ट कर दिया गया था. जिससे सभी ने जहर खा लिया. फिलहाल सभी कर्मचारियों का इलाज चल रहा है.जिसके चलते पुलिस उनके बयान नहीं ले पाई है,उनके बयान के बाद पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी.