राजधानी दिल्ली में गर्मी अब जानलेवा होती जा रही है। तपती धूप और लू की वजह से लोग हीट स्ट्रोक का शिकार हो रहे हैं। दो दिन में यहां 7 लोगों को मौत हो चुकी है। इनमें हीट स्ट्रोक के 5 मरीज RML अस्पताल में भर्ती थे। तो वहीं दो मरीज सफरदरजंग अस्पताल में इलाज करा रहे थे।
जून में गर्मी जला रही है। चिलचिलाती गर्मी अब जानलेवा बनती जा रही है। यूपी, राजस्थान के बाद अब दिल्ली में भी हीट स्टा्रेक से मौतें होने का सिलसिला शुरू हो गया है। दो दिन में यहां 7 लोगों की हीट स्ट्रोक से मौत हो चुकी है। इन्हें लू लगने पर आरएमएल अस्पताल और सफरदजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
दिल्ली में गर्मी का कहर किस कदर जारी है इसका अंदाजा लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या से लगाया जा सकता है। अकेले राम मनोहर लोहिया अस्पताल की ही बात करें तो यहां पिछले दो दिन में गर्मी और लू से पीड़ित 23 मरीजों को भर्ती किया जा चुका है। यदि अब तक गर्मी की बात करें तो इस मौसम में 50 से ज्यादा लोग हीट स्ट्रोक की वजह से अस्पताल में भर्ती हुए हैं।
राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अभी भी 12 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। अस्पताल के एमएस अजय शुक्ला के मुताबिक दो दिन में यहां 5 मरीजों की हीट स्ट्रोक से मौत हुई है, इनमें अधिकतर लोग श्रमिक हैं जो भीषण गर्मी और धूप में काम कर रहे थे। अभी 12 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। इन्हें भी हीट स्ट्रोक आया था।
दिल्ली में बीती रात सबसे गर्म रही। मंगलवार रात को यहां 35।2 डिग्री तापमान रहा जिसने पिछले 12 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। यह सामान्य तापमान से आठ डिग्री अधिक है। इससे पहले दिल्ली में सबसे गर्म रात जून 2012 में दर्ज की गई थी। उस दौरान न्यूनतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस रहा था।
हीट स्ट्रोक एक जानलेवा स्थिति है जो आपके शरीर को जरूरत से ज्यादा गर्म कर देती है। यह तब होता है जब शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस यानी 104 डिग्री फारेनहाइट के पार हो जाता है। यह हाइपरथर्मिया या गर्मी से होने वाला यह सबसे गंभीर रूप से है। इससे पैरालिसिस या मौत हो सकती है। यह दो प्रकार से होता है या तो गर्म वातारण में शारीरिक श्रम करने से या फिर नॉन एक्सर्टेशनल यानी बीमारी की वजह से। कई लोग इस बात में कंफ्यूज रहते हैं कि क्या अधिक गर्मी लगना ही हीट स्ट्रोक है? दरअसल गर्मी लगना हीट स्ट्रोक का पहला चरण है। अगर गर्मी से ज्यादा देर तक निजात न मिले तो यह हीट स्ट्रोक में बदल सकती है।