भोपाल। कोरोना का संकट अभी टला नहीं है। तीसरी लहर आने की संभावना है इसके बाद भी सुरक्षित तरीके से आॅनलाईन सवाल पूछने में विधायकों की रुचि नहीं है। विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और मंत्री सवाल पूछते नहीं है, तीन विधानसभा सीटें खाली पड़ी है। इन्हें अलग कर दे तो अब सदन में केवल 195 विधायक शेष बचते है। इनमें से केवल 57 विधायक ऐसे है जिन्होंने आॅनलाईन सवाल पूछे है। आॅनलाईन पूछे गए सवालों की संख्या इस बार 484 है। कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर में प्रदेश में काफी मौते हुई है।

प्रदेश के विधायी भी इससे अछूते नहीं रहे। प्रदेश के तीन विधायकों ने कोरोना और कोरोना के बाद इलाज के दौरान दम तोड़ा है। अब तक हुए विधानसभा सत्रों के दौरान भी कोरोना को लेकर कोविड प्रोटोकाल का पालन किया गया है। कोरोनाकाल में जितने भी सत्र हुए सभी सीमित संख्या में प्रवेश के साथ आयोजित किए गए। विधानसभा सचिवालय ने कोरोना से बचाव के लिए विधायकों को आॅनलाईन सवाल पूछने की सुविधा दी है।ध्यानाकर्षण और शून्यकाल की सूचनाएं भी आॅनलाईन दी जा सकती है। लेकिन इसके बाद भी आॅनलाईन सवाल पूछने में विधायकों ने इस बार भी कम ही रुचि दिखाई है।

नौ अगस्त से शुरु हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र के लिए विधानसभा सचिवालय के पास कुल 1184 सवाल आए है। इसमें से 618 तारांकित और 566 अतारांकित सवाल है।  अहम बात यह है कि सवाल पूछने वाले 195 विधायकों में से केवल 57 विधायकों ने ही आॅनलाईन सवाल पूछे है। कुल 484 सवाल आॅनलाईन पूछे गए है और आॅफलाईन सवालों की संख्या 700 है। कई विधायक तो ऐसे भी है जिन्होंने इस बार भी एक भी सवाल नहीं पूछा है।

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