भोपाल। प्रदेश के 538 मजरे-टोले राजस्व ग्राम बनेंगे। इसकी प्रारंभिक कार्रवाई शुरू हो गयी है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिये हैं कि यह कार्रवाई समय-सीमा में पूरी की जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि राजस्व विभाग के जिला और तहसील कार्यालयों को यहाँ आने वाले किसानों और अन्य लोगों के लिये सुविधायुक्त बनाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहाँ राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक ले रहे थे। बैठक में राजस्व मंत्री श्री करण सिंह वर्मा, राजस्व राज्य मंत्री श्री जय सिंह मरावी और मुख्य सचिव श्री आर.परशुराम भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राजस्व विभाग के जिले और तहसील तथा अन्य कार्यालयों को सुविधायुक्त बनाने की योजना बनाये। तहसील स्तर पर आवासीय मकानों की व्यवस्था करें। भू-अभिलेख से संबंधित आंकड़े केंद्र को समय से भेजे जाये। उन्होंने कहा कि जिस शासकीय विभाग के पास आवश्यकता से अधिक आवंटित भूमि है उनसे ऐसी अतिरिक्त भूमि को वापस लेने की नीति बनायी जाये। अशासकीय संस्थाओं को भूमि आवंटित करने की नीति प्राथमिकता से समय-सीमा में बनाये। श्री चौहान ने कहा कि बजट में भवनों के लिये निर्माण कार्य की स्वीकृति होने के बाद निर्माण की प्रक्रिया अविलंब शुरू की जाये।

बैठक में बताया गया कि तहसीलों के रिकार्ड रूम के कंप्यूटरीकरण का कार्य चल रहा है। राजस्व अभिलेखों के डिजिटायजेशन के लिये अगले चरण में कार्रवाई की जायेगी। जिलों में 124 नायब तहसीलदार की नियुक्ति की गयी है। शासकीय प्रेस के आधुनिकीकरण के लिये साढ़े चार करोड़ की योजना बनायी गयी है।

बताया गया कि प्रदेश में आगामी एक दिसंबर से 26 जनवरी के बीच द्वितीय चरण में राजस्व न्याय शिविर लगाये जायेंगे। शासकीय विभागों की करीब साढ़े चार लाख संपत्तियों को रिकार्ड में दर्ज किया गया है। राजस्व न्यायालयों के कंप्यूटरीकरण का कार्य चल रहा है। भू-अभिलेखों को वेब आधारित बनाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। फसल कटाई प्रयोग के तहत जारी वित्तीय वर्ष में 48 जिलों में 3,376 प्रयोग आउट सोर्सिंग से किये गये हैं। राजस्व विभाग के तहसील और जिला कार्यालयों में पदस्थ अमले के प्रशिक्षण के लिये विस्तृत कार्य-योजना बनायी गयी है। बैठक में वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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