नई दिल्ली । दो राज्यों में कई घंटों से चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन तो रुक गया लेकिन दो मासूम जिंदगी की जंग हार गए. मध्य प्रदेश के सीहोर में बोरवेल में फंसी तीन साल की मासूम सृष्टि को 50 घंटे तो बिहार के सासाराम में पिलर के बीच फंसे 11 साल के रंजन को 20 घंटे के रेस्क्यू के बाद बाहर तो निकाल लिया गया, लेकिन दोनों मासूमों को बचाया नहीं जा सका. गुरुवार को जैसे ही दोनों जगह बच्चों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया, उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन दोनों को ही डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. डॉक्टरों ने बताया कि रंजन की मौत बाहर निकालने से करीब 10 घंटे पहले तो सृष्टि की मौत 40 घंटे पहले ही हो चुकी थी।

दरअसल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले के ग्राम मुंगावली में मंगलवार की दोपहर को करीब 3 साल की मासूम सृष्टि कहीं गायब हो गई थी. जब परिजनों ने उसको तलाश किया तो पता चला कि वह 300 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई है. इसकी सूचना पुलिस प्रशासन को दी गई. मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने एसडीआरएफ और एनडीआरएफ को मौके पर बुलाया. इसके बाद सृष्टि को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया।

यहां पोकलेन ड्रिल मशीन और जेसीबी की मदद से करीब 20 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. इसके बाद सेना की मदद ली गई. सेना के जवानों की एक टुकड़ी बुधवार की दोपहर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. सेना के जवानों ने रॉड डालकर मासूम बच्ची को निकालने की कोशिश की, लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लग सकी और बच्ची खिसकर 100 फीट गहराई तक जा पहुंची. इसके बाद गुजरात और दिल्ली की रोबोटिक टीम गुरुवार की सुबह मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से चलाया गया।

पथरीली जमीन और पानी का रिसाव से आई रेस्क्यू में परेशानी
पथरीली जमीन और पानी के रिसाव के चलते रेस्क्यू टीम को परेशानी का सामना करना पड़ा. पहले दिन मंगलवार को चले रेस्क्यू ऑपरेशन में एक दर्जन पोकलेन और जेसीबी मशीन की मदद से खुदाई की गई, लेकिन पथरीली जमीन आ जाने की वजह से गड्ढे की खुदाई करने के लिए ड्रिल का सहारा लिया गया. लेकिन ड्रिल के कंपन की वजह से शुरू में 18 फीट पर अटकी बच्ची करीब 50 फुट पर पहुंच गई और धीरे-धीरे वह 100 फीट से अधिक गहराई में पहुंच गई।

रोबोट की मदद से हुक करके निकाला
300 फीट गहरे बोरवेल में फंसी मासूम को निकालने के लिए रोबोटिक टीम ने गरुवार को एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और सेना के जवानों के साथ संयुक्त ऑपरेशन चलाया. करीब 7 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बच्ची को रोबोट की मदद से हुक करके बाहर निकाला गया. इसके बाद एंबुलेंस की मदद से उसे जिला अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

दम घुटने से हुई बच्ची की मौत, डैमेज हुआ शव
जिला अस्पताल के डॉक्टर के मुताबिक बालिका की मौत की वजह दम घुटना है. डॉक्टर फैसल अंसारी ने मीडिया को बताया कि बच्ची का शव काफी डैमेज हो चुका था. जब शव को पीएम के लिए लाया गया, उससे करीब 40 घंटे पहले बच्ची की मौत हो चुकी थी. इसके चलते शव खराब होने लगा था।

खेत मालिक को पुलिस ने लिया हिरासत में लिया
मंडी पुलिस ने खेत मालिक को हिरासत में लिया है. साथ ही उस पर मामला भी दर्ज कर लिया गया है. मंडी थाना प्रभारी हरि सिंह परमार ने बताया कि खेत मालिक गोपाल पर पुलिस ने धारा 188, 360 के तहत मामला दर्ज किया है. बोर करने वाले अज्ञात पर भी पुलिस ने मामला दर्ज किया गया है।

सासाराम में पिलर के बीच फंसा रहा मासूम
बिहार के रोहतास जिले के सासाराम में नासरीगंज दाऊदनगर में स्थित सोन पुल के बीच खाली जगह में बुधवार को 11 साल का रंजन गिर गया था. रंजन बुधवार सुबह से घर से गायब था. वह मानसिक रूप से विक्षिप्त है. जब बेटा घर नहीं लौटा तो उसकी तलाश की गई. इस दौरान एक महिला ने पुल के पास से रोते हुए बच्चे की आवाज सुनी. इसके बाद महिला ने परिजनों को बच्चे के बारे में जानकारी दी थी।

पहले परिजनों ने बच्चे को निकालने का प्रयास किया था. लेकिन जब वे सफल नहीं हुए, तो उन्होंने पुलिस और प्रशासन को इसकी सूचना दी. प्रशासन की टीम ने बुधवार शाम 4 बजे से बच्चे को निकालने के लिए रेस्क्यू शुरू किया गया. लेकिन घंटों बाद भी सफलता नहीं मिल सकी तो एनडीआरएफ को मौके पर बुलाया गया।

सूचना मिलने पर NDRF की टीम ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर पहुंची थी. बच्चे तक ऑक्सीजन पहुंचाई गई. मौके पर भारी पुलिसबल भी तैनात रहा. रंजन खिरियाव गांव का रहने वाला था और उसके पिता का नाम शत्रुघ्न प्रसाद है. रंजन पुल के पिलर नंबर 1 और स्लैब के बीच में गहराई में फंस गया था. एनडीआरएफ की टीम ने बुधवार को पहले पिलर काटा, लेकिन सफलता नहीं मिली. इसके बाद अप्रोच रोड का स्लैब हटाया गया और बच्चे को बाहर निकाला गया।

अस्पताल ने मृत घोषित किया
बच्चे के बाहर आते ही उसे अस्पताल ले जाया गया. लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी. सदर अस्पताल (सासाराम) के सिविल सर्जन के एन तिवारी ने बताया, “लड़के को सदर अस्पताल लाया गया था, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।”

इससे पहले लड़के के पिता शत्रुघ्न प्रसाद ने स्थानीय अधिकारियों को बताया था कि उनका बेटा जो मानसिक रूप से अस्वस्थ था, दो दिन पहले लापता हो गया था. बाद में बच्चे को एक महिला ने फंसा हुआ पाया था.