विकेन्द्रीकृत नियोजन की अवधारणा को अमल में लाते हुए प्रदेश के सभी 50 हजार 982 गाँव के मास्टर प्लान बनाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। इस कार्य के लिये मध्यप्रदेश विधानसभा में संकल्प पारित किया गया था। मास्टर प्लान को क्रियान्वित करने के लिये राज्य सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी किये हैं। उनसे 2015-16 की जिला योजना तैयार करने को भी कहा गया है। निर्देशों में कहा गया है कि गाँव में ग्रामीणों द्वारा सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखे गये कार्य को सबसे पहले किया जाये। ऐसा न करने पर जिले की योजना मंजूर नहीं की जायेगी।
इस बड़े कार्य को लगभग एक करोड़ 95 लाख ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी से अंजाम दिया गया है। इस कार्य में 1250 स्वयंसेवी संस्था, 50 हजार से अधिक जन-प्रतिनिधि, 10 हजार 400 तकनीकी सहायता दल और 62 हजार 400 जमीनी अमले ने भी सक्रिय सहभागिता की। मास्टर प्लान में विशेष रूप से पेयजल, बारहमासी सड़कों, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं, खाद्य सुरक्षा सहित अन्य सुविधाओं को प्राथमिकता दी गई है।
भोपाल योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग ने योजना एवं क्रियान्वयन पर फोकस करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि समुदाय की ओर से अभिव्यक्त की गई ग्राम विकास की माँग और सुझावों पर विभाग प्राथमिकता से कार्य करें। इस प्रक्रिया को निरंतर जारी रखा जायेगा और वर्ष 2015-16 में विकेन्द्रीकृत जिला योजना में भी इसके पालन पर जोर रहेगा। कार्यों की पूर्णता सुनिश्चित करने के लिये वर्ष 2015-16 को क्रियान्वयन वर्ष के रूप में मनाया जायेगा। शत-प्रतिशत क्रियान्वयन का लक्ष्य रखा गया है।
जिला कलेक्टरों को वर्ष 2015-16 की जिला योजना बनाने के लिये कार्यक्रम और समय-सारणी तैयार कर भेजी गई है। ग्राम मास्टर प्लान में समुदाय की माँग वाली गतिविधियों में से अनेक गतिविधियाँ संबंधित विभागों द्वारा स्वीकृत नहीं की गई हैं। निर्देश में कहा गया है कि इस स्थिति को देखते हुए जिला निर्माण प्रक्रिया में वर्ष 2015-16 के लिये परिवर्तन करते हुए नई सामुदायिक माँगों को न जोड़ते हुए पूर्व में स्वीकृत गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जाये। वर्ष 2015-16 की नियोजन प्रक्रिया की तकनीकी सहायता दलों द्वारा विगत वर्षों की तरह नियोजन इकाइयों का ग्राम स्तरीय भ्रमण किया जाये। इस वर्ष पुन: नवीन सामुदायिक माँगों को न जोड़ते हुए पूर्व में समुदाय द्वारा माँग की गतिविधियों पर पुन: समुदाय से चर्चा कर स्वीकृत गतिविधियों के क्रियान्वयन की स्थिति तथा शेष गतिविधियों का वेलिडेशन किया जाये। प्राथमिकताएँ दोबारा निर्धारित कर उन्हें संबंधित विभाग की योजना से जोड़ा जाये।
कलेक्टरों से कहा गया है कि वे साप्ताहिक टीएल बैठक में मास्टर प्लान के कार्यों के क्रियान्वयन की समीक्षा करें। निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार अपने मार्गदर्शन में ग्राम सभा/नगरीय वार्ड आदि नियोजन इकाई आदि पुष्टि करवा कर समेकित जिला योजना का प्रारूप तैयार कर 25 अक्टूबर 2014 तक योजना आयोग की वेबसाइट पर प्रविष्टि करवाने को कहा गया है।
राज्य शासन ने निर्देश दिया है कि ग्राम मास्टर प्लान की सभी अनुमोदित गतिविधियों का क्रियान्वयन विभाग द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में पूरा किया जाये। जो कार्य पहले ही स्वीकृत हो चुके हैं, उनके क्रियान्वयन की समीक्षा कर उन्हें पूर्ण करवाया जाये।