दमोह । दमोह जिले में बुधवार को शाम से लेकर रात तक सनसनी फैली रही. यहां दो अलग-अलग घटनाओं में 5 नाबालिग छात्रों की तालाब में डूबने से मौत हो गई. पहली घटना तेंदूखेड़ा जनपद में घटी. यहां एक साथ तीन छात्रों की मौत हुई, जबकि दूसरी घटना जिला मुख्यालय में ही घटी. इस घटना में दो छात्रों की मौत हुई. उनकी मौत के बाद जबरदस्त हंगामा हुआ और प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगे. परिजनों और लोगों ने चक्काजाम कर दिया और अफरा-तफरी मच गई. इसकी सूचना मिलते ही वरिष्ठ अधिकारी देर रात मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाकर घर भेजा. शवों के पोस्टमॉर्टम गुरुवार को होंगे.
जानकारी के मुताबिक, पहला मामला बुधवार देर शाम जिले की तेंदूखेड़ा जनपद से सामने आया. इस मामले में तेंदूखेड़ा जनपद के वार्ड क्रमांक 10 और 11 के 3 छात्र स्कूल से सीधे नरगुआ तालाब नहाने पहुंचे. वे बहुत देर तक घर नहीं पहुंचे तो परिजनों ने उनकी तलाश की. परिजन उन्हें कई घंटों तक इलाके में तलाश करते रहे. इस बीच किसी ने उन्हें बताया कि नरगुआ तालाब के पास स्कूल बैग और कपड़े रखे हैं. ये सुनकर जब परिजन मौके पर पहुंचे तो उनके होश उड़ गए. परिजनों ने चीख-पुकार मचा दी और पुलिस को सूचना दी. जानकारी मिलने पर नायब तहसीलदार विजय साहू पहुंचे और तैराकों की मदद से शवों को बाहर निकलवाया. उन्होंने सभी शवों को तेंदूखेड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रखवाया. उनका गुरुवार को पोस्टमॉर्टम होगा.
जमकर हुआ हंगामा
वहीं, दूसरी घटना बुधवार रात करीब 9 बजे घटी. इस घटना में जिला मुख्यालय स्थित महाराणा प्रताप स्कूल के दो नाबालिग छात्र सुबह स्कूल के लिए निकले थे, लेकिन देर शाम तक वापस नहीं पहुंचे. उनके कपड़े किशन तलैया के पास पाए गए थे. उसके बाद परिजनों ने तालाब में बच्चों को तलाश किया. रात करीब दस बजे उनके शव तालाब से मिले. रैकवार समाज के लोगों ने शवों को बाहर निकाला और और शव वाहन के लिए जिला अस्पताल प्रबंधन से संपर्क किया. लेकिन, सिविल सर्जन ममता तैमोरी ने फोन रिसीव नहीं किया गया. उसके बाद परिजनों को शव बाइक पर करीब 5 किमी लाना पड़ा. उन्होंने अस्पताल चौराहे पर शव रखकर चक्काजाम कर दिया. जानकारी मिलते ही एसडीएम गगन विशेन रात करीब 1 बजे मौके पर पहुंचे और चक्काजाम खुलवाया.