इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में लोकायुक्त पुलिस की टीम ने एक आरक्षक को 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। फरियादी शेख कमाल हुसेन निवासी सुभाष मार्ग इंदौर ने लोकायुक्त को लिखित में शिकायत की थी।

नवंबर के दूसरे सप्ताह में सराफा थाने में विक्रम पिता अधीर गोस्वामी और शाहबुद्दीन पिता मुजफ्फर मलिक के खिलाफ धोखाधडी का प्रकरण दर्ज किया गया था। जांच में सामने आया कि नकली सीबीआई अफसर बनकर आए विक्रम को लालू नामक व्यक्ति ने चार बंगाली कारीगरों से मिलवाया था। लोकायुक्त एसपी सव्यसांची सराफ ने बताया कि उक्त प्रकरण में आरक्षक अंकित उपाध्याय जांच कर रहा था। उसने लालू को बयान के लिए बुलाया और आरोपियों से उसके मिले होने व कमीशन लेने का आरोप लगाया। डर के कारण लालू कुछ दिन पहले बंगाल चला गया। इस बीच अंकित ने लालू के मालिक शेख कमाल हुसैन से संपर्क किया और लालू की जानकारी मांगी। उसने कहा कि लालू को कोर्ट में पेश करवा दो।

ऐसा नहीं करने पर प्रकरण में फंसाने की धमकी दी। साथ ही लालू को केस से बचाने के बदले 25 हजार रुपए मांगे। इस पर शेख ने लोकायुक्त में शिकायत कर दी। इसके बाद लोकायुक्त ने मामले की जिम्मेदारी निरीक्षक सुनील उइके को दी। उइके ने बताया कि शेख ने अंकित को 14 नवंबर को 20 हजार रुपए दे दिए थे। अंकित ने बाकी पांच हजार रुपए 18 नवंबर को देने का कहा। इस बीच इनकी फोन पर बातचीत होती रही। बुधवार को नगर सुरक्षा समिति के सदस्य राजेंद्र तिवारी ने शेख को फोन किया और कहा कि श्अंकित भैया बुला रहे है और बची राशि भी लाना। शेख सराफा थाना पहुंचे, लेकिन अंकित ने राजेंद्र को रुपए लाने को कहा।

थाने से महज सौ मीटर दूर शेख ने राजेंद्र को रुपए दिए। इसके बाद टीम ने उसे पकड लिया। पूछताछ में राजेंद्र ने अंकित का नाम बताया। उसे पकडने के लिए तुरंत टीम थाने में दाखिल हुई। उइके ने बताया कि फरियादी और अंकित के बीच पहले चर्चा हो चुकी थी। उसकी रिकॉर्डिंग मौजूद है। उसके आधार पर दोनों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है।

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