नरसिंहपुर। मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर स्टेशनगंज थाने के पास जिला जेल के सामने स्थित मैदान में अपने परिजनों के साथ सो रही 5 वर्षीय बालिका को अगवा कर दुष्कर्म का मामला सामने आया है। पीडिता खून से लथपथ हालत में आज सुबह अंडर ब्रिज के पास एक पेड के नीचे मिली, जिसे एंबुलेंस की मदद से जिला अस्पताल लाया गया। जहां उसे प्राथमिक उपचार देने के बाद उसे जबलपुर रेफर कर दिया है। पूरे घटनाक्रम में स्टेशनगंज पुलिस की लापरवाही भी सामने आई है। कल रात जब बालिका गायब हुई तो परिजन थाने में शिकायत सुनाने पहुंचे थे, लेकिन वहां मौजूद कर्मचारी ने उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। इस लापरवाही पर पुलिस अधीक्षक ने थाने के एक प्रधान आरक्षक शम्मीलाल गौंड को निलंबित कर दिया है।
जिला जेल के सामने मैदान में डेरा लगाकर भिक्षावृत्ति करने वाले कुछ परिवार रहते हैं। जिनमें से एक परिवार की 5 वर्षीय बालिका सोमवार-मंगलवार की दरम्यानी रात करीब 2 बजे अचानक गायब हो गई। परिजनों ने जब अपने पास सोई बालिका को नदारद पाया तो आस-पास उसकी खोजबीन करने के बाद स्टेशनगंज थाना जाकर सूचना दी। लेकिन रात में वहां मौजूद पुलिस कर्मचारियों ने बालिका के परिजनों की बात को गंभीरता से नहीं लिया। सुबह जब पेड के नीचे बालिका गंभीर हालत में देखी गई तो किसी ने एंबुलेंस को सूचना दी।
बताया जाता है कि मौके पर एंबुलेंस पहुंचने के बाद भी थाने से चंद कदम दूर घटनास्थल की जानकारी से पुलिस अनभिज्ञ रही। बाद में जब बालिका को लिए एंबुलेंस थाने तक पहुंची और घटनाक्रम की जानकारी देकर जिला अस्पताल तरफ दौड़ी तो पुलिस की नींद खुली और कर्मचारियों ने वरिष्ठ अधिकारियों तक सूचना भेजी। पीडिता के जिला अस्पताल पहुंचने पर पुलिस अधीक्षक डॉ. गुरकरन सिंह सहित अन्य अधिकारियों ने अस्पताल जाकर पीडिता की हालत देखी और घटनास्थल की जांच शुरू की। मामले में अब तक यह खुलासा नहीं हो सका है कि बच्ची का अपहरणकर्ता और दुष्कर्म करने वाला कौन हैं।
नरसिंहपुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. गुरकरन सिंह ने बताया कि अभी मैं उसी मामले की जांच में लगा हूं, पुलिस की लापरवाही सामने आने पर प्रधान आरक्षक शम्मीलाल गौंड को तत्काल निलंबित कर दिया गया है। घटनास्थल की जांच हो रही है।

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