क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा के तलाक को लेकर काफी समय से चर्चाएं चल रही थीं, जो अब सच साबित हुईं। गुरुवार को दोनों बांद्रा स्थित फैमिली कोर्ट पहुंचे, जहां उनकी तलाक की कानूनी प्रक्रिया पूरी की गई। इस तरह शादी के चार साल बाद दोनों का रिश्ता खत्म हो गया। तलाक के बाद खबरें आ रही हैं कि चहल को धनश्री वर्मा को 60 करोड़ रुपए एल‍िमनी देना पड़ सकता है। आइए जानते हैं इस संदर्भ में कानून क्या कहता है। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…

एल‍िमनी क्या होता है?

आपको बता दें कि एल‍िमनी, एक कानूनी शब्द है, जो तलाक या वैवाहिक विछेद के बाद एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति को आर्थिक सहायता के रूप में दिया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य तलाक के बाद उस व्यक्ति को जीवनयापन में मदद करना होता है, जो आर्थिक रूप से स्वतंत्र नहीं है, खासकर अगर पत्नी पति पर निर्भर हो। यह भत्ता पति या पत्नी, दोनों को दिया जा सकता है, लेकिन अधिकतर मामलों में यह पति द्वारा पत्नी को ही दिया जाता है। एल‍िमनी की प्रक्रिया और राशि तलाक के मामलों में अदालत द्वारा तय की जाती है और यह पति या पत्नी की आय, संपत्ति, जीवनशैली और उनके बीच के रिश्ते की स्थिति पर निर्भर करती है।

क्या होता है एल‍िमनी का उद्देश्य

  1. तलाक के बाद जीवन यापन में सहारा देना।
  2. ऐसे मामलों में, जहां किसी एक व्यक्ति के पास पर्याप्त वित्तीय संसाधन नहीं होते।
  3. विवाहिक रिश्ते की समाप्ति के बाद किसी एक पक्ष को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना।

एल‍िमनी किसे मिलता है?

दरअसल, आमतौर पर यह भत्ता उस व्यक्ति को दिया जाता है जो आर्थिक रूप से कमजोर होता है। अगर पत्नी कामकाजी नहीं है या वह अपने जीवन यापन के लिए पति पर निर्भर है, तो उसे एल‍िमनी देने की संभावना ज्यादा होती है।

क्या पति भी एल‍िमनी मांग सकता है?

जी हां, अगर पति आर्थिक रूप से कमजोर है और पत्नी के पास अधिक आय है, तो वह भी एल‍िमनी की मांग कर सकता है। यह स्थिति काफी दुर्लभ होती है, लेकिन कानूनी रूप से इसकी अनुमति है। एल‍िमनी एक महत्वपूर्ण कानूनी प्रावधान है जो तलाक के बाद दोनों पक्षों की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करता है।