प्रयागराज । प्रयागराज के फाफामऊ के गोहरी गांव में दलित परिवार के चार लोगों की हत्या का पुलिस ने खुलासा करने का दावा किया है। दलित बिटिया को मैसेज करके परेशान करने और आईलवयू का जवाब आई हेट यू देने पर पवन सरोज नाम के युवक को हत्या और रेप के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि विवेचना में सहयोग न करने पर कार्रवाई की गई है। उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी कि इस हत्याकांड में और कौन-कौन शामिल है। इसका डीएनए परीक्षण कराया जा रहा है। मोबाइल को विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा जा रहा है। एक तरफा प्यार में वारदात को अंजाम देने का पुलिस ने दावा किया है। एडीजी प्रेम प्रकाश, आईजी राकेश सिंह और डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने रविवार शाम प्रेस कांफ्रेंस करके मोहनगंज गोहरी में दलित दंपती बेटे और बेटी के हत्या का खुलासा किया। एडीजी ने बताया कि थरवई के कोरसंड गांव का पवन कुमार सरोज 18 सितंबर से बिटिया (दलित परिवार की मृतका) को कभी प्रधान तो कभी दबंग बनकर मैसेज करता था। पवन पढ़ा-लिखा नहीं है लेकिन गूगल वाइस टाइपिंग से चैट करता था। वह अक्षर पहचान जाता है। बिटिया ने उससे पूछा भी था कि वह कौन है तो कहता था कि जान जाओगी। 21 नंवबर की शाम छह बजकर 15 मिनट पर उसने आईलवयू और फूल भेजा था। इसको पढ़कर बिटिया ने आईहेटयू का मैसेज किया। इसके बाद से कोई चैटिंग नहीं हुई। शक के आधार पर पुलिस ने पवन को पकड़ा तो उसने पुलिस की जांच में सहयोग नहीं किया। पहले कहा कि उसके साथी कैप्टन ने मैसेज किया था।

पुलिस ने जब कैप्टन को पकड़कर आमने-सामने कराया तो उसने स्वीकार किया कि उसी ने मैसेज किया था। गंगे नाम के युवक ने उसको लड़की का नंबर दिया था। वर्तमान में गंगे पुणे में है। पुलिस की एक टीम गंगे को पकड़ने पुणे गई है। इसके अलावा पुलिस ने जब उसके घर की तलाशी ली तो उसके घर से खून लगा एक शर्ट मिला। एफएसएल की जांच में खून की पुष्टि हो गई। एडीजी की मानें तो 21 तारीख को चार लोगों की हत्या हो गई, इसकी जानकारी गांव में किसी को नहीं थी। सिर्फ पवन को पता था। इसलिए उसने 21 तारीख के बाद से कोई मैसेज नहीं किया। वैज्ञानिक साक्ष्यों से प्रतीत होता है कि पवन ने अपने साथियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया है। वारदात में कौन-कौन लोग शामिल थे, इसकी जांच अभी चल रही है। आरोपी भी उसी जाति का है। ऐसे में इस मुकदमे से एससी-एसटी की धारा हट जाएगी।

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