इंदौर।मध्यप्रदेष के इंदौर में राजबाड़ा के मुख्य गेट के पास ओटले पर माता-पिता के बीच सोई चार माह की बच्ची के अपहरण, दुष्कर्म और हत्या के मामले कोर्ट ने दोषी नवीन उर्फ अजय गड़के को फांसी की सजा सुनाई। जज ने 7 दिन तक सात-सात घंटे इस केस को सुना और घटना के 21वें दिन सुनवाई पूरी होने के बाद 23वें दिन शनिवार को फैसला सुनाया। बच्ची के साथ 20 अप्रैल को दुष्कर्म किया गया था। बता दें कि नया कानून पॉक्सो बनने के बाद किसी आरोपी को फांसी की सजा सुनाने का यह पहला मामला है।
घटना 20 अप्रैल की है। बच्ची अपने माता-पिता के साथ सो रही थी। तभी दोषी नवीन उर्फ अजय गड़के ने बच्ची को उठाकर श्रीनाथ पैलेस बिल्डिंग के बेसमेंट में ले गया था, जहां उसके साथ 15 मिनट तक दुष्कर्म किया। फिर बिल्डिंग की छत से फेंककर उसकी हत्या कर दी। नवीन पीड़ित बच्ची का मौसा है और वह बच्ची के माता-पिता के साथ ही रहता है।
फुटेज में पौने 5 बजे बच्ची को ले जाते दिखा और 15 मिनट बाद अकेला लौटा
डीआईजी हरिनारायण चारी ने 20 अप्रैल को जांच के बाद बताया था कि राजबाड़ा पर जहां परिवार सो रहा था, वहां सीसीटीवी कैमरों की जांच की तो पता चला उनके पास में ही सो रहा नवीन तड़के 4.45 बजे बच्ची को साइकल पर ले जाते दिख रहा है। 15 मिनट बाद अकेला लौटता दिखा।
घटना के 23 दिन बाद आयाफैसला
घटना 20 अप्रैल को हुई। 7 दिन में यानी 27 अप्रैल को पुलिस ने चालान पेश किया।
28 अप्रैल से ट्रॉयल शुरू हुआ। 1 मई से जिला कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। 8 मई को 29 गवाहों के बयान लिए गए। 9 मई को आरोपी का बयान हुआ। आरोपी ने कहा कि मेरे खिलाफ सभी आरोप झूठे हैं। 10 मई को आखिरी बहस हुई और कोर्ट ने 12 मई तक फैसला सुरक्षित रख लिया।

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