इंदौर। इंदौर में कंस्ट्रक्शन कंपनी(देवकली इंफ़्रा) के कर्मचारी सोनू बौरासी और अशोक चौहान के साथ हुई 35 लाख की लूट का पर्दाफाश हो गया है। पुलिस ने एक आरोपित लक्की को पकड़ लिया है। उससे 26 लाख रुपये बरामद भी कर लिए हैं। पुलिस सीसीटीवी फुटेज से आगे बढ़ रही थी। सोनू की कॉल डीटेल भी निकाली गई थी।

बापट चौराहा से टीम खातीपुरा पहुंची, तो आरोपितों का रूम मिल गया। यहां पर बैग और कपड़े मिल गए हैं। आरोपित कपड़े बदल कर भाग गये थे। तड़के करीब चार बजे टीम में एक साथ चार जगह दबिश देकर 26 लाख रुपये जब्त कर लिये। दो आरोपित मुंबई भाग चुके हैं। उनके स्वजन से पूछताछ चल रही है।

35 लाख रुपये की लूट में पुलिस को देर रात सुराग हाथ लग गए थे। पुलिस को कंस्ट्रक्शन कंपनी के जिस एक कर्मचारी पर शक था वो सही निकला। उसकी कॉल डिटेल में दो युवकों के नंबर मिले थे। उनसे वह लगातार बात कर रहा था। उनकी लोकेशन भी स्कीम-78 की मिली है।

वारदात के बाद दो आरोपित खंडवा की तरफ भागे हैं और कुछ परदेशीपुरा के हैं। घटना के तत्काल बाद पुलिस ने देवकली कंस्ट्रक्शन के कर्मचारी सोनू बौरासी और अशोक चौहान से पूछताछ की। सोनू ने कहा बदमाशों ने चाकू अड़ाया था जबकि अशोक ने हथियार होने से साफ इन्कार कर दिया।

डीसीपी जोन-2 अभिनय विश्वकर्मा ने उसके मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली तो दो मोबाइल नंबर मिले जिन पर लगातार बात चल रही थी। पुलिस ने दोनों संदिग्ध नंबरों की डिटेल निकाली तो केशव और लक्की नामक युवक के निकले। दोनों की लोकेशन भी स्कीम-78 और स्कीम-114 की मिली। एक नंबर की अंतिम लोकेशन चंद्रगुप्त मौर्य चौराहा और दूसरे की खंडवा रोड की मिली।

सीसीटीवी फुटेज निकालने पर भी आरोपित एमआर-10 की तरफ जाते हुए नजर आए। इससे शक पुख्ता हो गया और पुलिस ने सोनू को हिरासत में ले लिया। जांच में शामिल अफसरों के मुताबिक आरोपित एक घंटे से स्कीम-78 में ही घूम रहे थे। एक रेस्टोरेंट में लगे सीसीटीवी कैमरे में उनके फुटेज मिले हैं। उस वक्त बाइक पर दो युवक थे। बाद में तीसरा साथी भी आ गया। तीनों एक बाइक पर थे। दो बदमाश एक अन्य बाइक पर थे। जिस जगह घटना हुई वहां दुकान और ऑफिस है। प्रत्यक्षदर्शी लखन चौधरी के मुताबिक कर्मचारी सोनू और अशोक से बाइक सवारों को विवाद करते हुए देखा था। उस वक्त लखन कार पार्क कर रहा था। कर्मचारियों ने शोर नहीं मचाया। ऐसा लगा मानों दोनों विवाद कर रहे हों।

कार खड़ी कर कर्मचारियों को समझाने गया तो बताया उनके साथ लूट हो गई। कर्मचारियों ने बदमाशों को रोकने की कोशिश नहीं की बल्कि भागने के बाद पत्थर उठाया। इससे भी पुलिस को कर्मचारियों पर ही शक गहराया। घटना स्थल से 200 मीटर की दूरी पर कंपनी के डायरेक्टर रणवीरसिंह का आफिस है। पुलिस ने तत्काल आरोपितों को घटना स्थल ले जाकर तस्दीक की। पूरा मार्ग देखा।