विशाखापट्टनम। कोविड़ वायरस के Omicron Variant की भारत में एंट्री होने के साथ ही केंद्र और राज्य सरकारें अलर्ट हो गई हैं। इस वैरिएंट को सबसे ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है। इसलिए विदेशों से आने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
इस बीच, आंध्र प्रदेश से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां विदेश से लौटे 30 यात्रियों का कुछ पता नहीं चल रहा है। परेशानी ये है कि अगर वे कोरोना संक्रमित हुए, तो कई दूसरे लोगों को भी संक्रमित कर सकते हैं।
पिछले 10 दिनों में विदेशों से लगभग 60 यात्री आंध्र प्रदेश पहुंचे हैं, इनमें से तीन दक्षिण अफ्रीका से आए हैं। 60 में से 30 यात्री विशाखापट्टनम में रुके हुए हैं, जबकि बाकी 30 राज्य के अलग-अलग जगहों के लिए रवाना हो चुके हैं और अब उनके बारे में कोई जानकारी नहीं है। सरकार लगातार इन 30 लोगों को ढूंढ रही है। इनमें से कइयों ने तो फोन उठाना भी बंद कर दिया है।
प्रशासन को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर इन 30 यात्रियों का कैसा पता लगाया जाए। ओमिक्रॉन वैरिएंट के खतरे को देखते हुए सरकार को इन लोगों का आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना है। बता दें कि ओमिक्रॉन वैरिएंट की पहचान सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में हुई थी। दक्षिण अफ्रीका में एक दिन में 11,500 नए केस दर्ज हुए हैं। यह एक दिन पहले के 8500 केस से भी ज्यादा है। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि ओमिक्रॉन अब तक कम से कम 24 देशों में फैल चुका है।
कोरोना वायरस के खतरनाक वैरिएंट ओमिक्रॉन के देश में दस्तक देने के बाद से इसके तेजी से पैर पसारने का खतरा बढ़ गया है। कर्नाटक में दो मरीजों में इस वैरिएंट की पुष्टि हुई है। दोनों ही संक्रमित मरीज दक्षिण अफ्रीका से आए थे। जॉइंट हेल्थ सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने बताया कि जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिए इन मरीजों में मामलों की पुष्टि हुई है। संक्रमित पाए गए मरीजों में से एक की उम्र 64 साल है, जबकि एक शख्स की उम्र 46 साल है