बडवाह। सिद्धक्षेत्र नेमावर से पद विहार कर आचार्यश्री 108 विद्यासागरजी महाराज के 23 साल बाद सिद्धवरकूट पहुंचने की सूचना मुनिश्री 108 प्रसन्नसागरजी को मिली तो वे पुष्पगिरि सोनकच्छ से 150 किमी पैदल यात्रा कर बुधवार को यहां पहुंचे। दोनों संतों का 30 साल बाद महामिलन हुआ। हर कोई यह दृश्य देखकर उत्साहित था। मुनिश्री प्रसन्नसागरजी महाराज ने आचार्य विद्यासागरजी की नमोस्तु करते हुए चरण वंदना की। पाद प्रक्षालन किया।
समाजजनों ने बताया मुनिश्री 108 प्रसन्नसागरजी पुष्पगिरि सोनकच्छ जिला देवास से ग्वालियर की ओर जा रहे थे लेकिन उन्हें आचार्य विद्यासागरजी महाराज के यहां पहुंचने का पता चला तो उन्होंने विहार किया। मंगलवार को मोरटक्का में उनका आहार हुआ। रात का विश्राम कोठी में किया। सुबह मुनिश्री का सिद्धवरकूट में मंगल प्रवेश हुआ तो समाजजनों ने बैंड-बाजों के साथ उनकी आगवानी की।