भोपाल ! मध्य प्रदेश में फेब उद्योग को प्रोत्साहित और निवेशकों को आकर्षित करने के वास्ते एनॉलॉग सेमीकंडक्टर फेब्रिकेशन निवेश नीति-2015 को मंजूरी दे दी गई है। इस नीति में प्रस्तावित रियायतों से निवेश में इजाफा होने के साथ विकास व रोजगार के अवसरों के बढऩे की संभावना जताई जा रही है। मंत्री-परिषद् ने शासन द्वारा संधारित मंदिरों की कृषि भूमि की नीलामी न कर 31 मई 2015 तक उसे मंदिर के पुजारियों के हवाले रखे जाने संबंधी मुख्यमंत्री के आदेश का अनुसमर्थन किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्री-परिषद् की बैठक में सेमीकंडक्टर फेब नीति को मंजूरी देते हुए उम्मीद जताई गई है कि प्रदेश में सेमी कंडक्टर फेब्रिकेशन के क्षेत्र में उद्योगों की स्थापना होने से इलेक्ट्रानिक सिस्टम डिजाइनिंग एंड मैन्युफेक्च रिंग (ईएसडीएम) सेक्टर में तेजी से विकास होगा।
मंत्री-परिषद् द्वारा अनुमोदित नीति के अनुसार न्यूनतम 3000 करोड़ का पूंजी निवेश करने वाली इकाई को नि:शुल्क भूमि और भवन निर्माण की 75 प्रतिशत लागत का भुगतान किया जाएगा। इकाई को जरूरत के अनुसार 24 घंटे अबाध जल आपूर्ति, दो ग्रिड के माध्यम से निर्बाध बिजली आपूर्ति, सीवेज अधोसंरचना, इकाई से हवाई अड्डे तक अच्छी गुणवत्ता की सड़कें, हवाई अड्डे पर फ्री ट्रेड जोन, फेब के पास केमिकल फायर फाइटिंग आदि की सुविधा दी जाएगी। इस नीति के चलते पांच हजार करोड़ के निवेश वाली एक इकाई की स्थापना से लगभग 1000 अत्यन्त कुशल व्यक्ति को सीधे और लगभग 10 हजार व्यक्ति को परोक्ष रोजगार उपलब्ध होगा। इकाई को भारत सरकार की नीति के अनुसार भी सभी लाभ प्राप्त होंगे।
इस नीति को मंजूरी मिलने से फेब इकाई के आसपास कई अन्य इकाइयां स्थापित होंगी। जिनमें फेबलेस डिजाइन कम्पनियां, इलेक्ट्रानिक उत्पाद इकाइयां, इलेक्ट्रानिक विनिर्माण सेवा, असेम्बली और टेस्टिंग इकाइयां शामिल हैं। इसके साथ ही प्रदेश को अल्ट्रा हाई मडर्न तकनीक के क्षेत्र में नई पहचान मिलेगी। विदेशी मुद्रा की बचत होगी क्योंकि वर्तमान में भारत को माइक्रो चिप दूसरे देशों से आयात करना पड़ता है। सूत्रों के अनुसार देश के विभिन्न व्यापारिक घराने राज्य में इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश करना चाह रहे हैं, इस तरह के प्रस्ताव भी आए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *