भोपाल । मध्यप्रदेश में पिछले तीन माह में 1506 लोगों ने आत्महत्याएं की हैं। इनमें 108 किसान और 160 खेत मजदूर भी शामिल हैं। यह जानकारी गृहमंत्री बाबूलाल गौर ने आज विधानसभा में दी। उन्होंने पारिवारिक क्लेश, बीमारी से उपजी निराशा और नशे की लत को इसकी वजह बताया। सदन में पेश आंकड़ों के मुताबिक इंदौर जिले में सर्वाधिक 118 लोगों ने आत्महत्याएं की हैं, इनमें जबकि दूसरा नम्बर जबलपुर का है, जहां 71 लोगों ने आत्महयाएं कीं। सागर में 66, सतना में 64, भोपाल में 62 और ग्वालियर जिले में 57 लोगों ने आत्महत्याएं कीं। विधानसभा में कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत के एक सवाल के जवाब में गृहमंत्री ने बताया, कि 11 नवंबर 2014 से 21 जनवरी 2015 तक विभिन्न कारणों से आत्महत्या करने वालों में जबलपुर जिले में 4 किसान, 15 खेत मजदूर, सागर जिले में 6 किसान, 4 खेत मजदूर, सतना जिले में 3 किसान, 4 खेत मजदूर, भोपाल में 1 खेत मजदूर भी शामिल हैं। इस अवधि में इंदौर और ग्वालियर जिले में किसी किसान या खेत मजदूर द्वारा आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठाया गया है। आंकड़ों के मुताबिक शिवपुरी जिले में 38 लोगों ने आत्महत्या की। इनमें 4 किसान और एक खेत मजदूर शामिल है। मुरैना जिले में 1 किसान और 1 खेत मजदूर सहित 59 लोगों ने आत्महत्या की। दतिया में 2 किसानों सहित 11, श्योपुर में 1 किसान सहित 4, झाबुआ में 3 किसानों, 5 खेत मजदूरों सहित 28, अलीराजपुर में 18 किसानों सहित 37, खरगोन में 13 खेत मजदूरों 14 किसानों सहित 57, खंडवा में 5 खेत मजदूरों एक किसान सहित 31, बड़वानी में 10 खेत मजदूर 3 किसानों सहित 37, मंदसौर में 2 किसानों सहित 13, रतलाम में 2 किसानों 6 खेत मजदूरों सहित 47, कटनी में 3 किसानों सहित 37, पन्ना में 4 खेत मजदूरों 1 किसान सहित 35, छतरपुर में 9 खेत मजदूरों सहित 41, बालाघाट में 11 खेत मजदूर 2 किसानों सहित 45, मंडला में 2 खेत मजदूरों सहित 13, रीवा में 26 खेत मजदूरों 5 किसानों सहित 31, सीधी में 14 खेत मजदूर, 1 किसान सहित 38, सिंगरौली में 2 खेत मजदूर 5 किसान सहित 25 शहडोल में 11 खेत मजदूर 10 किसानों सहित 40, अनूपपुर में 3 कृषि मजदूरों सहित 23, उमरिया में 2 कृषि मजदूर, 7 किसानों सहित 9, डिंडोरी में 4 कृषि मजदूरों, सीहोर में 1 कृषि मजदूर, 4 किसानों सहित 13, विदिशा एक किसान सहित 17 लोगों द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले सामने आए हैं।