भोपाल। मोटर वाहन अधिनियम 1988 के अधीन कोई भी व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थान में मोटर वाहन नहीं चला सकता है, जब तक कि उसके पास जारी किया गया वैध लाइसेंस न हो। ड्राइविंग लाइसेंस के लिए बीते दिनों मध्यप्रदेश परिवहन विभाग ने ड्राइविंग लाइसेंस को आधार कार्ड से लिंक कराने का फरमान भी जारी किया था। ऐसा इसलिए क्योंकि परिवहन विभाग अब हादसों को लेकर सतर्क रहेगा। वहीं अब ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर एक और नियम आ गया है।
एक अक्टूबर से पूरे देश में एक जैसा स्मार्ट ड्राइविंग लाइसेंस होगा। अभी तक राज्यों के अनुसार ड्राइविंग लाइसेंस अलग-अलग फॉर्मेट में होते थे लेकिन अब केंद्र सरकार ने पूरे देश में एक जैसा ड्राइविंग लाइसेंस बनाने का फैसला किया है।
बीते दिनों सडक परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से नोटिफिकेशन जारी किया गया था। जिसमें इस बात की जानकारी दी गई थी कि 1 अक्टूबर 2019 से पूरे देश में एक ही फॉर्मेट में ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी जारी किए जाएंगे। नए ड्राइविंग लाइसेंस लेमिनेटिड या फिर स्मार्ट कार्ड के रूप में दिए जाएंगे।
नए ड्राइविंग लाइसेंस में माइक्रोचिप और क्यूआर कोड होंगे, जिसमें आपकी यातायात नियमों के उल्लंघन संबधी सभी जानकारियां होंगी। नए ड्राइविंग लाइसेंस में सामने की ओर चिप होगी वहीं पीछे की ओर क्यूआर कोड होगा। इस चिप और बार कोड में लाइसेंस होल्डर और वाहन की समस्त जानकारी होगी।
लाइसेंस में दिए गए क्यूआर कोड की मदद से वाहन और ड्राइवर का पूरा रिकॉर्ड एक डिवाइस के जरिए पढा जा सकेगा। जारी होने वाले नए ड्राइविंग लाइसेंस में लाइसेंस और आरसी का रंग एक जैसा होगा।
वाहन चालकों पर नजर रखने के लिए डीएल को आधार कार्ड से जोडने का अभियान आने वाले दिनों में प्रदेश स्तर पर चलाया जाएगा। परिवहन विभाग के अनुसार अगर कोई भी चालक अपनी लापरवाही के कारण तीन बार एक्सीडेंट करेगा, तो उसका ड्राइविंग लाइसेंस हमेशा के लिए ब्लॉक कर दिया जाएगा। इसके बाद वह कभी भी दोबारा लाइसेंस नहीं बनवा पायेगा। अगर वाहन चालक बार-बार आवेदन करता है तो आधार कार्ड के लिंक होने से आवेदन करने के बाद उसकी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। जिसके चलते उसका आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।