भोपाल। मुख्यमंत्री चौहान ने आज कैबिनेट बैठक प्रारंभ होने के पहले मंत्रिमंडल सदस्यों को बताया कि प्रदेश के 225 विद्यार्थी आज सुबह तक यूक्रेन से मध्यप्रदेश वापस लौट चुके हैं। दिल्ली स्थित मध्य प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी आवासीय आयुक्त द्वारा भी विद्यार्थियों की वापसी के संबंध में आवश्यक समन्वय किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि वैसे हम नई दिल्ली जाकर के संबंध में बैठक में समीक्षा कर आए हैं। राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में निरंतर इस कार्य की समीक्षा की जा रही है। मध्य प्रदेश के ऐसे परिवार जिनके बच्चे यूक्रेन में हैं, उनसे जन प्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिकारी भी भेंट कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन में युद्ध की स्थितियों में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित भारत वापस लाने के लिए भरपूर प्रयास कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि नई दिल्ली और मुंबई लौटने वाले मध्य प्रदेश के विद्यार्थियों को मध्यप्रदेश भवन ,मध्यांचल और अन्य स्थानों पर ठहराने की व्यवस्था की गई है। इनके भोजन और आवश्यकता हुई तो यात्रा टिकट का प्रबंध भी किया जा रहा है। प्रदेश के कुछ बच्चों से उनके परिवार संपर्क में हैं, लेकिन अधिकारी उनसे संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विदेश मंत्रालय द्वारा एमपी के 454 लोगों कि सूची दी है। कुछ लोग ऐसे भी है जिनका पास्पोर्ट तो एमपी का है मगर वो कहीं और शिफ़्ट हो गए हैं। 454 में से 430 परिवारों से पुलिस बातचीत कर रही है। सृष्टी और शिवानी भी सुरक्षित हैं।
यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे सात स्टूडेंट्स लापता हैं। केंद्र और राज्य सरकार तथा परिजनों से इन छात्र-छात्राओं का संपर्क नहीं हो पा रहा है। इनके मोबाइल नम्बर और अन्य संपर्क स्त्रोत से संवाद की तमाम कोशिशें अब तक नाकाम रही हैं। इसमें मैहर की भी एक छात्रा शामिल बताई जा रही है।
मध्यप्रदेश के 159 स्टूडेंट्स केंद्र और राज्य सरकार की कोशिश के चलते मध्यप्रदेश में अपने घरों को लौट चुके हैं। इसके साथ ही 188 से संपर्क हो चुका है और वे सकुशल हैं। उनके परिजनों से वे वीडियो काल के जरिये भी संपर्क में हैं। इसके अलावा 452 छात्र-छात्राएं अभी भी यूक्रेन में हैं। इनमें से 441 स्टूडेंट्स ने फोन काल के जरिये परिजनों और राज्य सरकार को जानकरी दी है जबकि सात बच्चों का पता नहीं चल पा रहा है। जिन स्टूडेंट्स का पता नहीं लग पा रहा है उनमें मैहर की अदिति शर्मा का नाम भी है। उसकी बहन ने राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई है। बताया गया कि वह अपने 67 साथियों के साथ खारकीव स्टेशन में थी लेकिन टेÑन न मिलने पर रेल लाइन के सहारे किसी अन्य स्टेशन के लिए रवाना हुई है। उसका सम्पर्क परिजनों से नहीं हो पा रहा है। गौरतलब है कि भारत सरकार ने खारकीव छोड़ने की एडवायजरी कल ही जारी कर दी थी।