ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले के देहात थाना क्षेत्र के बेलगझा थाने में मारपीट के आरोपी सुरेश रावत की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में 6 पुलिसकर्मियों को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर थाने के पूरे स्टाफ को निलंबित कर दिया है।
ग्वालियर जिले के बेलगढा थाना क्षेत्र के बाजना गांव के निवासी खेमू शाक्य और सुरेश रावत के एक दूसरे से मिले हुए खेत हैं। खेत में मेढ बनाने को लेकर दोनों लोगों में झगडा हो गया था। दोनों पक्ष के लोग थाने में आकर रिपोर्ट दर्ज दर्ज कराने पहुंच गए। पुलिस ने दोनों पक्षों से आवेदन ले लिया।
सुरेश रावत के भाई अलफ सिंह ने बताया कि थाने में मौजूद एएसआई विजय राजपूत ने खेमू शाक्य की रिपोर्ट पर सुरेश रावत के खिलाफ हरिजन एक्ट के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया। जब उन्होंने खेमू शाक्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के लिए बोला तब एएसआई विजय राजपूत व अन्य पुलिसकर्मियों ने कहा कि अगर हरिजन एक्ट से बचना है तो 20 हजार रुपए लाओं। परिजनों का कहना है कि जब रुपए देने से मना कर दिया तो थाने मे सुरेश रावत की बेरहमी से पिटाई की गई। पुलिस की पिटाई से सुरेश रावत की थाने में ही मौत हो गई। थाने में मौत को लेकर मृतक सुरेश रावत के परिजनों ने थाने के बाहर हंगामा कर दिया। मौके पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन थाने में पदस्थ एएसआई विजय राजपूत सहित आधा दर्जन पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है तथा थाने के पूरे स्टाफ को निलंबित कर दिया है।