भोपाल। दिगंबर जैन संत आचार्यश्री विद्यासागर महाराज की श्रेष्ठ कृतियों में शुमार महाकाव्य ‘मूकमाटी’ पर केंद्रित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी यहां 15 अक्टूबर से प्रारंभ होगी। भोपाल स्थित अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय और दिगंबर जैन पंचायत समिति ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में यहां हबीबगंज मंदिर परिसर में आयोजित इस संगोष्ठी में देश के विभिन्न हिस्सों से हिंदी के साहित्यकार और विद्वान शिरकत करेंगे।
संगोष्ठी में देश के बीस विश्वविद्यालयों के कुलपति भी शामिल होंगे। आचार्यश्री एवं महाकवि विद्यासागर इन दिनों ससंघ यहां हबीबगंज मंदिर परिसर में चातुर्मास कर रहे हैं। भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी के कुठियाला भी इस आयोजन में शिरकत करेंगे।
ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रमोद हिमांशु ने आज यहां बताया कि इस आयोजन में हिमाचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर ए डी एन वाजपेयी, कोटा विश्वविद्यालय से प्रमोद दशोरा और राजस्थान विश्वविद्यालय के जे पी सिंघल भी आएंगे। भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति तारिक जफर और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर के कुलपति नरेंद्र धाकड ने भी आयोजन में शामिल होने के लिए सहमति प्रदान कर दी है।
आयोजन की तैयारियों को जैन मुनि संभवसागर और प्रसादसागर महाराज के दिशानिर्देशन में अंतिम स्वरूप प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आयोजन समिति के प्रमुख अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय भोपाल के कुलपति मोहनलाल छीपा हैं। वे स्वयं संगोष्ठी की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं।
संयोजक दल के प्रमुख डॉ सुधीर जैन और संदेश जैन ने बताया कि इस अायोजन में 50 से अधिक समालोचक और प्राध्यापक भी शामिल होकर अपने विचार व्यक्त करेंगे। चार सत्रों में होेने वाले आयोजन में मूकमाटी के जरिए देश के ज्वलंत मुद्दों पर गहन चिंतन किए जाने की संभावना है। श्रीमद्भगवद् गीता और मूकमाटी पर शोध कर चुके डॉ सुधीर जैन ने बताया कि मूकमाटी में आतंकवाद पर प्रहार के अलावा मानवीयता, समाजवाद, नारी महत्ता और धर्म तथा दर्शन जैसे मुद्दों पर तर्क सम्मत बातें कही गयी हैं।इन्हीं विषयों पर हिंदी और संस्कृत साहित्य से जुडे विद्वान अपनी व्याख्या करेंगे।