%e0%a4%ad%e0%a5%8b%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%b2bhopalभोपाल ! मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा के प्रति आस्था और विश्वास व्यक्त करने की विधि और व्यवहार में बदलाव की जरूरत बताई है। उन्होंने आव्हान किया कि नर्मदा की उपासना पेड़ लगाकर की जाये। गंदगी और पूजन सामग्री को नर्मदा नदी में प्रवाहित नहीं करें। श्री चौहान आज नर्मदा सेवा यात्रा के पदयात्री के रूप में जबलपुर जिले के बरगी नगर पहुँचकर जनसंवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने नर्मदा तट की शराब की दुकानों की आगामी वर्ष में नीलामी नहीं होने की जानकारी देते हुए कहा कि नर्मदा किनारे के 16 गाँवों में जमीन की खरीदी-बिक्री पर लगी रोक को भी खत्म कर दिया गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सरकार के द्वारा शुरू नर्मदा सेवा यात्रा अब सामाजिक आंदोलन बन गई है। जबलपुर और बरगी के लिये नया सीवेज सिस्टम डाला जायेगा। मल-जल को रिसाईकिल कर खेती के लिये दिया जायेगा। यह योजना विशेषज्ञ बनायेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा प्रदेश की जीवन-रेखा है। उन्होंने नदी की कृषि, विद्युत, पेयजल और पर्यावरण संबंधी महत्ता बतायी। उन्होंने बताया कि आज मध्यप्रदेश कृषि उत्पादन में देश के बड़े राज्यों पंजाब और हरियाणा से भी आगे है। कृषि विकास दर 20 प्रतिशत से ऊँची बनी हुई है। जबलपुर सहित बड़े नगरों की पेयजल आपूर्ति नर्मदा पर आश्रित है। क्षिप्रा को पुनर्जीवित कर अब नर्मदा से गंभीर नदी को भी पुनर्जीवित करने की दिशा में कार्य प्रगति पर है। हमने सतपुड़ा और विंध्याचल के पेड़ों को काटकर इस जीवनदायिनी की प्राणशक्ति को ध्वस्त किया है। इससे सदानीरा नर्मदा बरसाती नदी बनने लगी है, इसे बदलना होगा। प्रत्येक व्यक्ति एक पेड़ लगाने, उसका पालन करने, नदी में मल-मूत्र का विसर्जन नहीं करने, पूजन-अर्चन की विधियों से नर्मदा मैया को प्रदूषित नहीं करने का संकल्प लें। श्री चौहान ने संत समाज से अनुरोध किया कि वे धार्मिक विधियों में ऐसे कार्यों का परित्याग करवाने के लिये धर्मशक्ति का उपयोग करें ताकि नदियों में जल समाधि देने की प्रथा खत्म हो। नर्मदा का अभिषेक नर्मदा के जल से ही किया जाये। फूल-मालाओं, हवन सामग्री, दीपदान और मूर्तियों का विसर्जन भी पूजन-कुण्ड में किया जाये। मुख्यमंत्री ने किसान भाइयों से कहा कि माँ नर्मदा को हरियाली चुनरी ओढ़ाने के लिये आगे आयें और फलदार वृक्ष लगायें। इस वर्ष सरकार का पूरा सहयोग मिलेगा। जब तक वृक्षों में फल आयेंगे तब तक सरकार 20 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा देगी। पौधों पर भी 40 प्रतिशत की सब्सिडी दी जायेगी और गड्डा खोदने के लिये मजदूरी भी सरकार देगी। उन्होंने खेती में रसायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल का त्याग करने और जैविक खेती करने के लिये प्रेरित किया। मुख्यमंत्री ने रक्षाबंधन का पर्व भी पेड़ों की रक्षा के संकल्प के रूप में मनाने, नशा का त्याग करने और बेटा-बेटी को समान मानने और शिक्षा दिलाने के लिये संकल्पित करवाया। मुख्यमंत्री के आव्हान पर जनसंवाद के दौरान तीन हजार से अधिक किसानों ने फलदार वृक्षारोपण के संकल्प पत्र भरे।
साम्प्रदायिक सौहार्द का संदेश दे रही है यात्रा
यात्रा के जबलपुर जिले में प्रवेश के दौरान ग्राम हरदुली में मुस्लिम समुदाय के लोग भी यात्रा में शामिल हुए। मुस्लिम बंधुओं ने मुख्यमंत्री श्री चौहान का स्वागत किया। मुख्य रूप से राष्ट्रीय मुस्लिम मंच और मुस्लिम एक्शन कमेटी के प्रतिनिधि यात्रा में शामिल हुए। यात्रा का नागरिकों ने पूरे मार्ग में पुष्प वर्षा से स्वागत किया।

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