भोपाल। इस मामले पर शिवराज सरकार को घेरते हुए कमलनाथ ने ट्वीट करके कहा है कि प्रदेश में कोरोना महामारी के दौरान ड्यूटी निभाते हुए 152 पुलिसकर्मी शहीद हो गए, लेकिन सिर्फ 7 पुलिसकर्मियों के परिजनों को ही मुख्यमंत्री कोरोना योद्धा कल्याण योजना से 50 लाख मुआवजा दिया गया। ऐसा भेदभाव गलत है सभी को मुआवजा दिया जाए।
इसलिए नहीं मिल रहा मुआवजा

दरअसल, कोरोना की वजह से मौत होने पर ही इस योजना का फायदा मृतक के परिवार को मिल रहा है। जिन पुलिसकर्मियों की मौत हुई है और उनके परिजनों को मुआवजा नहीं मिला है उनके पास कोरोना की वजह से मौत होने का कोई भी दस्तावेज मौजूद नहीं है। जिन अस्पतालों में उनकी मौत हुई है वहां से उन्हें कोरोना से मौत होने का सर्टिफिकेट नहीं दिया गया। इस मामले में डॉक्टरों ने जो मौत की वजह बताई वह अलग-अलग कारणों से बताई है। इन दस्तावेजों में कोरोना की वजह से मौत होने का जिक्र नहीं है। यही कारण है कि सरकार इस योजना के तहत पुलिस कर्मियों के साथ दूसरे विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को मुआवजा नहीं दे रही है। इस योजना का लाभ नहीं मिलने के कारण कई पुलिसकर्मियों के परिवार अब दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है।

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