शनि अपनी उल्टी चाल चलने जा रहें। इस दिन से शनि 142 दिनों के लिए वक्री हो जाएंगे। शनि जब वक्री होते हैं तो अशुभ फल देते हैं। इसलिए इन राशियों के जातकों को विशेष सावधानी बरतने की जरुरत है। शनि सूर्य के छाया पुत्र माने गए हैं। सूर्य को ग्रहों का राजा माना गया है तो शनि देव को न्यायाधीश माना गया है। शनि देव का रंग काला है, और देखने में यह वृद्ध जैसे लगते हैं। इनके हाथों में बाण, वर, शूल और धनुष है और गिद्ध पर सवार हैं। शनि वायुतत्त्व प्रधान ग्रह है।

शनि की चाल- शनि की चाल बहुत ही धीमी है। शनि ग्रह तीस महीने यानि ढाई वर्ष तक एक राशि में रहते हैं। सभी राशियों में भ्रमण करने में शनि को तीस वर्ष का समय लगता है। इसलिए एक बार साढ़ेसाती आने पर व्यक्ति 30 वर्षों के बाद ही दोबारा शनि से प्रभावित होता है।

इन राशि पर है शनि की साढ़ेसाती- इस समय मकर, कुंभ और धनु राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। यह बहुत ही कष्टकारी होती है। इसलिए 11 मई के बाद इन राशियों पर शनि की व्रकी चाल का सीधा असर होगा। इसलिए इन राशि के जातकों को यह समय सावधानी से व्यतीत करना चाहिए।

शनि की ढैय्या- मिथुन और तुला राशि पर इस समय शनि की ढैय्या चल रही है। यह भी कष्टदायी होती है। इसलिए इन्हें भी संयम और धैर्य के साथ यह समय काटने की जरुरत है।

142 दिनों तक रखना विशेष ध्यान- शनि 142 दिनों तक व्रकी रहेंगे। इसके बाद वे मार्गी हो जाएंगे। मार्गी होने के बाद शनि की अशुभता में कमी आ जाएगी। 29 सितंबर 2021 के बाद शनि मार्गी हो जाएंगे।

शनि के उपाय- शनिवार को काले उदड़, तिल, सरसों का तेल का दान करने से लाभ मिलता है। गरीबों की सेवा करने और उन्हें काला कंबल या वस्त्र देने से भी शनि की अशुभता कम होती है। हनुमान जी पूजा और शनि मंत्रों का जाप करने से भी शनि शांत होते हैं।

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