टीकमगढ। मध्यप्रदेश के टीकमगढ जिले के मोहनगढ तहसील के गोर गांव स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास में बुधवार शाम सातवीं क्लास की बच्चियां एप्लीकेशन नहीं पड पाईं तो अतिथि शिक्षिका मोना सोनी ने उनसे 120 उठक-बैठक लगवाईं। जो नहीं लगा पाईं, उन्हें रूल से मारा, जिससे हथेलियां सूज गईं। रातभर बच्चियां दर्द से कराहती रहीं। गुरुवार सुबह वार्डन उपासना दुबे छात्रावास पहुंचीं तो बालिकाओं ने उन्हें इस बारे में बताया।
यह खबर फैलते ही सारे गांव में आक्रोश फैल गया। डायल 100 और 108 एम्बुलेंस को मौके पर बुलाकर आठ बालिकाओं को इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। इन सभी की उम्र 11-13 साल के बीच है। बालिकाओं की हालत इतनी खराब है कि वे चल भी नहीं पा रही थीं। वॉर्डन उपासना दुबे ने बताया कि मोना सोनी को सस्पेंड कर दिया है। घटना के वक्त मैं सरकारी काम से बाहर गई थी।
106 छात्राओं वाले इसे छात्रावास में सहायक वार्डन और वार्डन हैं, लेकिन स्थानीय लोगों के मुताबिक वे रात में नहीं रुकती। घटना वाली रात एक भी वॉर्डन मौजूद नहीं होने से बच्चियां डरी-सहमी रहीं। सहायक वार्डन मंजुलता श्रीवास्तव छुट्टी पर थी और वार्डन उपासना दुबे भी मौजूद नहीं थी।
विनीता चढार, मोना घोष, शिवानी घोष, अर्चना रजक, मुस्कान यादव, शिवानी अहिरवार और गीता चढार के अलावा एक अन्य लडकी को भी प्रताडित किया गया।
राज्य शिक्षा केन्द्र के जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) एचसी दुबे ने बताया कि अनुपस्थित रही वार्डन और सहायक वार्डन पर भी कार्रवाई की जाएगी। अतिथि शिक्षिका मोना को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए गए हैं। बच्चियों ने बताया है कि शिक्षिका ने होमवर्क नहीं करने पर उठक बैठक लगवाई, जो गलत है।