भोपाल। मध्यप्रदेश के उत्तरी अंचल के ग्वालियर चंबल संभाग में बाढ़ और अतिवृष्टि के कारण 1171 गांव प्रभावित हुए हैं और अब तक लगभग 1600 लोगों को सुरक्षित बचाया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां उच्च स्तरीय बैठक में बाढ़ की समीक्षा के बाद मीडिया से चर्चा में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बाढ़ से शिवपुरी और श्योपुर जिले सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। इन जिलों में दो तीन दिनों में 70 सेंटीमीटर से अधिक बारिश दर्ज की गयी है। इस अप्रत्याशित बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति बनी है। चौहान ने कहा कि वे स्वयं कल से लगातार बाढ़ प्रभावित जिलों के कलेक्टरों के संपर्क में हैं और जानकारी हासिल कर आवश्यक निर्देश दे रहे हैं। राहत एवं बचाव कार्य के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीम भी लगी हुयी हैं। इसके अलावा सेना की हेलीकॉप्टर की मदद भी ली जा रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि अब भी लगभग 200 गांव बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। प्रभावित गांवों में ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं। बोट की मदद से भी दक्ष बचाव दल प्रभावित ग्रामीणों के पास पहुंच रहा है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावित ग्रामीणों को खाद्य सामग्री भी मुहैया करायी जा रही है।
चौहान ने कहा कि मणिखेड़ा बांध के 10 गेट खोलने पड़े हैं। इस वजह से भी आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में जलस्तर बढ़ा है। संबंधित गांव के लोगों को ऊंचे और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। ग्रामीणों के लिए राहत शिविर खोलकर भोजन और अन्य बुनियादी सामान मुहैया कराया गया है। उन्होंने प्रभावित ग्रामीणों से संयम से काम लेने का अनुरोध करते हुए कहा कि सरकार और प्रशासन बचाव कार्य में लगा हुआ है। सरकार उनके साथ है और वे भी शीघ्र ही प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने जाएंगे।
इसके पहले समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने बताया कि श्योपुर और शिवपुरी के अलावा भिंड, दतिया और ग्वालियर जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी है। शिवपुरी और श्योपुर जिले में लगभग 200 गांव अभी भी बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। शिवपुरी जिले में आज सुबह ही 100 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। दतिया जिले में छह गांव में पानी ज्यादा है। एक मंदिर में दो पुजारी फस गए हैं। उन्हें बचाने के प्रयास जारी हैं। बाढ़ के कारण मोबाइल फोन नेटवर्क भी प्रभावित हुआ है और उसे सुधारने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस बीच वायुसेना के अधिकारी राहत एवं बचाव कार्य में व्यस्त हैं, लेकिन बादलों के नीचे होने के कारण हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पा रहे हैं।