नई दिल्ली। झारखंड राज्य सरकार ने पान मसालों के 11 बड़े ब्रांडों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इनमें रजनीगंधा, पान पराग और विमल जैसे पूरे देश में बिकने वाले पान मसाले शामिल है। सरकारी रिपोर्ट में पाया गया है कि 11 तरह के पान मसालों में मैग्नीशियम कार्बोनेट मौजूद है। इसी के कारण लोगों को कैंसर होता है। राज्य के बड़े अफसरों की एक मीटिंग के बाद सभी पान मसालों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया।

पिछले दिनों मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में दिए गए निर्देश के बाद शुक्रवार को राज्य के स्वास्थ्य सचिव सह राज्य खाद्य संरक्षा आयुक्त डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने राज्य के 11 ब्रांडों के पान मसाला (रजनीगंधा, विमल, शिखर, पान पराग, दिलरुबा, राजनिवास, सोहरत, मुसाफिर, मधु, बहार, पान पराग प्रीमियम, पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध विभिन्न जिलों से प्राप्त 41 पान मसाला के नमूनों के जांच में मैग्नीशियम कार्बोनेट की मात्रा पाए जाने के कारण लगाई गई है।

मैग्निशियम कार्बोनेट से हृदय की बीमारी सहित विभिन्न प्रकार की बीमारियां होती हैं। पान मसाला के लिए फूड सेफ्टी एक्ट 2006 में दिए गए मानक के मुताबिक भी मैग्नीशियम कार्बोनेट मिलाया जाना प्रतिबंधित है। इसलिए जन स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह प्रतिबंध फिलहाल एक साल के लिए लगाया गया है। 

राज्य के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन कुलकर्णी ने कहा कि 11 ब्रांडेड पान मसालों में मैग्नीशियम कार्बोनेट पाया गया था, जिससे कैंसर का खतरा होता है और फ़ूड सेफ्टी एक्ट के तहत पान मसाला में यह नहींं होना चाहिए, इसलिए इस पर प्रतिबंध लगाया गया है। अगर कोई और भी ब्रांड या नाम बदल कर पाम मसाला बेचने की कोशिश होगी तो उसकी जांच करायी जाएगी।

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