भोपाल। प्रदेश के जिन क्षेत्रों में उपचुनाव हो रहे है उनमें सर्वाधिक पांच विधानसभा क्षेत्र राजस्थान राज्य की विधानसभा क्षेत्रों से लगे हुए है। इनमें मंदसौर जिले की सुआसरा विधानसभा सीट राजस्थान की डग से लगी हुई है। इसी तरह आगर मालवा जिले की अनुसूचित जाति बाहुल्य आगर विधानसभा सीट राजस्थान के डग क्षेत्र से लगी हुई है। गुना जिले की बमौरी विधानसभा सीट राजस्थान के किशनगंज और छबड़ा से लगी हुई है। शिवपुरी की पोहरी विधानसभा सीट राजस्थान के बारा से लगी हुई है। मुरैना की सुमावली विधानसभा सीट राजस्थान के धौलपुर क्षेत्र से लगी हुई है। इस तरह राजस्थान राज्य से मध्यप्रदेश की पांच विधानसभा सीट लगी हुई है।

 इसी तरह चार विधानसभा क्षेत्र उत्तरप्रदेश राज्य की सीमाओं में स्थित विधानसभा क्षेत्रों से लगे हुए है। मुरैना की अम्बाह विधानसभा सीट उत्तरप्रदेश के वाह से लगी हुई है। दतिया जिले की भांडेर विधानसभा सीट उत्तरप्रदेश के समथर गरोठा, झांसी, चिगांव बबीना से लगे हुए है। शिवपुरी का करेरा विधानसभा क्षेत्र उत्तरप्रदेश के झांसी से लगा हुआ है। अशोकनगर के मुगावली विधानसभा क्षेत्र से उत्तरप्रदेश के ललितपुर की सीमाएं लगी हुई है। बुरहानपुर जिले की नेपानगर सीट महाराष्टÑ के जलगांव (जामोद) से लगी हुई है। वहीं अनूपपुर जिले की अनूपपुर विधानसभा सीट छत्तीसगढ़ के मरवाही से लगी हुई है।

चुनाव के एक-दो दिन पहले इन सीमावर्ती क्षेत्रों से मतदाताओं को प्रभावित करने बेशकीमती वस्तुएं बांटे जाने, बाहुबलियों द्वारा मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए आने की संभावना है। इसके चलते चुनाव आयोग के निर्देश पर इन विधानसभा सीटों की अन्य राज्यों की सीमाओं पर चौकसी बढ़ा दी गई है। इन सीमाओं पर बने नाकों पर केन्द्रीय शसस्त्र बल, जिला पुलिस बल, होमगार्ड के जवानों के साथ आबकारी, वन, वाणिज्यिक कर अन्य विभागों के जांच अमले भी तैनात किए जा रहे है। इन सीमावर्ती इलाकों में बने नाकों पर सीसीटीवी कैमरों से भी नजर रखी जा रही है और कुछ स्थानों पर ड्रोन कैमरे भी अवांछित तत्वों की आवाजाही पर नजर रख रहे है। चुनाव आयोग  के निर्देश है कि हर हाल में पड़ोसी राज्यों से मतदाताओं को प्रभावित करने आने वाले तत्वों को रोका जाए।

संवेदनशील दस विधानसभा सीटों पर मैदान में उतरे कुल 42 बाहुबली उम्मीदवार जिनपर आपराधिक मामले दर्र्ज है चुनाव आयोग के निर्देश पर गृह मंत्रालय द्वारा तैनात किए गए विशेष प्रेक्षक, रिटर्निग अधिकारी और पुलिस तथा प्रशासन की टीम इन बाहुबलियों पर विशेष चौकसी रख रही है। ये मतदाताओं को अपने बाहुबल से प्रभावित कर अपने पक्ष में मतदान नहीं कराए इसलिए इनपर हर तरह से नजर रखी जा रही है।

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