भोपाल। वर्ष 2013 अध्यापक और संविदा शिक्षकों के लिये और खुशियाँ लाने वाला हो सकता है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अध्यापक और संविदा शिक्षकों का भोपाल में 10 जनवरी, 2013 को सम्मेलन बुलाया है। स्कूल शिक्षा मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस ने आज यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि सम्मेलन की तैयारियाँ प्रशासनिक स्तर पर प्रारंभ कर दी गई हैं।

श्रीमती चिटनीस ने बताया कि सम्मेलन में अध्यापक और संविदा शिक्षकों के संगठनों के पदाधिकारियों के साथ ही जिलों से शिक्षकों के चुने हुए प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अध्यापक और संविदा शिक्षकों से खुले रूप से चर्चा करेंगे तथा जायज कठिनाइयों के समाधान की घोषणा भी करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा से दोनों संवर्गों के हितों के प्रति संवेदनशील है।

श्रीमती चिटनीस ने बताया कि सरकार ने एक नवम्बर, 2012 से वरिष्ठ अध्यापकों को कुल 17 हजार 119 रूपये, अध्यापक के लिये 13 हजार 406 और सहायक अध्यापक को 10 हजार 450 रुपये की मासिक परिलब्धियाँ प्रदान की जा रही हैं। इसी तरह सरकार ने संविदा शिक्षकों के मासिक पारिश्रमिक में 100 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है। संविदा शाला शिक्षक वर्ग-एक को जहाँ वर्ष 2011 में 4,500 रुपये मिलते थे उन्हें अब 9 हजार रुपये, श्रेणी-दो के लिये 3500 रुपये की जगह 7 हजार और श्रेणी-तीन के लिये 2500 की जगह 5000 रुपये पारिश्रमिक दिया जा रहा है। यही नहीं अध्यापक संवर्ग के लिये 12 एवं 24 वर्ष के बाद क्रमोन्नति का लाभ देने का निर्णय भी लिया गया है। उन्हें अंशदायी पेंशन योजना में सम्मिलित किया जा रहा है, जिसमें अध्यापक के मूल वेतन और महँगाई भत्ते पर 10 प्रतिशत के बराबर की राशि सरकार द्वारा वहन की जाती हैं। इससे सरकार पर प्रतिवर्ष 150 करोड़ रुपये का व्यय भार आ रहा है।

स्कूल शिक्षा मंत्री ने बताया कि सरकार सेवा शर्तों को और बेहतर बनाने की दिशा में नित नये कदम उठा रही हैं। श्रीमती चिटनीस ने बताया कि अध्यापक संवर्ग के किसी अध्यापक की आकस्मिक मृत्यु होने पर अनुकम्पा नियुक्ति का प्रावधान किया गया है। यदि उनके वैध आश्रित शैक्षणिक योग्यता नहीं रखते हैं तो एक लाख रुपये का एकमुश्त अनुदान देने का भी निर्णय लिया गया है। अध्यापकों को शासकीय शिक्षकों के समान अवकाश की पात्रता दी गई है और अध्यापक संवर्ग में नियुक्त किये जाने के लिये शिक्षाकर्मी वर्ग-3 (प्रयोगशाला) और संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-3 (प्रयोगशाला) को शिक्षण-प्रशिक्षण योग्यता से मुक्त रखा गया है। उन्होंने बताया कि निःशक्त अध्यापकों को शासकीय सेवकों के समान 250 रुपये प्रतिमाह विकलांग वाहन भत्ता भी मान्य किया गया है। नियम 2001 और संशोधित नियम 2003 के तहत नियुक्त संविदा शाला शिक्षकों को शिक्षण-प्रशिक्षण योजना में बी.एड योग्यता धारण करने पर अध्यापक संवर्ग में नियुक्ति के लिये एक बार छूट भी दी गई है। यही नहीं संविदा शाला शिक्षकों को अध्यापक संवर्ग के समान अनुग्रह राशि देने का निर्णय भी लिया गया है।

श्रीमती चिटनीस ने बताया कि उनकी सरकार ने कर्मी कल्चर को समाप्त कर शिक्षाकर्मी को संविदा शाला शिक्षक और अध्यापक संवर्ग में सम्मिलित कर सम्मानजनक स्थान भी दिलाया है। ग्रीन कार्डधारी शिक्षाकर्मियों को दो अग्रिम वेतनवृद्धियों का लाभ दिया गया है। उन्होंने बताया कि अध्यापक संवर्ग को राज्य शासन के कर्मचारियों के समान महँगाई भत्ता दिये जाने का निर्णय पहले ही ले लिया गया है। वर्ष 2005 से शिक्षाकर्मी अंतर्गत महिला, निःशक्त एवं परस्पर आधार पर एक निकाय से दूसरे निकाय में संविलियन यानि स्थानांतरण की नीति लागू की गई है। वर्ष 2008 से यह नीति अध्यापक संवर्ग के लिये भी लागू की गई है।

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