भोपाल। मध्यप्रदेश में पाबंदियों के साथ 1 जून से अनलॉक की धीरे-धीरे शुरुआत होगी। सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों की संख्या 50% रहेगी, लेकिन पंजीयन और एग्रीकल्चर कार्यालय पूरी क्षमता के साथ खुलेंगे। निर्माण कार्य और सर्विस प्रोवाइडर सेक्टर की सेवाएं भी शुरू हो जाएगी। यह सहमति गुरुवार को मंत्री समूह की बैठक में बनी है। बैठक में तय किया गया है कि शादी समारोह में दोनों पक्षों से 20-20 लोगों को अनुमति रहेगी। दाह संस्कार व मृत्यु भोज में भी 20-20 लोग शामिल हो सकेंगे। इस पर अंतिम फैसला 31 मई को मुख्यमंत्री के साथ बैठक में लिया जाएगा।
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई बैठक में सहमति बनी है कि जिलों में कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए कुछ शर्तों के साथ आर्थिक गतिविधियां शुरू होगी। इसके लिए जिला क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप शर्तें तय करेगा। राजनीतिक और धार्मिक आयोजन बंद रहेंगे, लेकिन मंदिरों में एक समय में दो श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे।
राज्य की सीमाओं पर आगे भी सख्ती जारी रखने का फैसला इस बैठक में लिया गया है। मॉल व सिनेमाहॉल फिलहाल बंद रहेंगे। बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, ऊर्जा मंत्री प्रधुम्न सिंह तोमर, पर्यटन मंत्री ऊषा ठाकुर, शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार और उच्च अधिकारी मौजूद थे। इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को ऐलान किया कि अनलॉक के दौरान आर्थिक गतिविधियां शुरू होंगी। राजनीतिक और सार्वजनिक आयोजनों विशेषकर धरना-प्रदर्शन, रैलियों और धार्मिक आयोजन पर प्रतिबंध रहेगा। वैवाहिक कार्यक्रमों की अनुमति होगी, लेकिन वर-वधु दोनों पक्षों से सिर्फ 10-10 लोग ही शामिल हो पाएंगे।
शादी समारोह में आने वाले लोगों के लिए कोरोना निगेटिव टेस्ट अनिवार्य होगा। कार्यक्रम में सरकार टेस्टिंग के लिए व्यवस्था करेगी, लेकिन मंत्री समूह ने शादी समारोह में दोनों पक्षों से 20-20 लोगों के शामिल होने की अनुमति देने का निर्णय लिया है। प्रदेश में भीड़ से बचने के लिए धारा 144 पहले की तरह ही लागू रहेगी। हर जिले की अलग-अलग परिस्थितियां हैं। कहीं कोरोना पूरी तरह से नियंत्रित हो गया है, तो कहीं केस हर दिन कम-ज्यादा हो रहे हैं। भोपाल-इंदौर जैसे बड़े जिलों में अभी ज्यादा केस आ रहे हैं। ऐसे में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप को इन सभी पहलुओं पर विचार कर निर्णय लेना चाहिए।